Thursday, November 20, 2008

एक हसीना से पहेलीबार

मैं हैदारबाद का रहने वाला हूं और मेरी उम्र २८ साल है। मैं शादी शुदा हूं और मेरे १ लड़के भी हैं।
मैं बचपन से ही सेक्स का शोकीन हूं। मेरे बड़े भाई मुझे अक्सर कहा करते हैं कि जब मैं छोटा था १ साल का, तब से लड़कियां मुझसे ज्यादा ही इंटरेक्ट करती थी। मुझे तो वो सब याद नही है लेकिन शादी से पहले मैंने ६४ लड़कियों से प्यार किया है ३६ लड़कियो से सेक्स किया है।
लेकिन अभी ४ महीने पहले की एक कहानी बताता हूं !
मैंने एक म्याथ क्लास किया था। उसमें एक लड़की से मेरी दोस्ती हो गई। मैंने उसे बताया कि मैं शादीशुदा हूं तो उसे मेरी उस बात से कोई एतराज नही था।हम लोगों के बीच इस रिश्ते को ३-४ दिन ही हुए थे, मैंने उसे होटल में ले जाने के लिए कहा तो वो पहले मना करने लगी फ़िर वो मान गई।
हम लोग हमारे पास के होटल में गए। मैंने जाते ही उसे पकड़ के किस कर ली और उसके बूब्श को मसलने लगा।
उसने शलवार कमीज पहना था। वो भी मुझ से चिपक गई। मैंने उसके कमीज़ की पीछे से चेन खोल दी और उसका कमीज़ ऊपर से निकाल दिया। उसने काले रंग की ब्रा पहन रखी थी। मैंने उसे बेड पर लिटा दिया। वो अपने बुब्श को अपने दोनों हाथो से छुपाने की नाकामयाब कोशिश कर रही थी। मैंने उस पर लेट के उसको होटों पे किस करना चालू किया। फ़िर मैंने धीरे से उस की ब्रा खोल दी। उसके बूब्स जैसे बाहर आने के लिए कब से बेचैन थे। उसकी निपल को मुंह में लेके मैं चूसने लगा, जैसे उसको कुछ होने लगा।
वो मस्त हो के उछलने लगी। मैंने उसकी निपल को अपने दोनों दांतो के बीच दबा के जोर से चूसना चालू कर दिया और दूसरे हाथ से उसके दूसरे स्तन को जोर से दबाने लगा।
वो मेरे कपड़े निकालने लगी और मेरे लण्ड को पकड़ लिया। वो हाथ में लेते ही बोली- ये तो बहुत बड़ा है मैं तो मर ही जाऊंगी, आप इसे अंदर मत डालना।
मैंने कहा- ठीक है। बोल के उसका पायजामा भी निकालने लगा।
उसने कहा- ये क्या कर रहे हो?
अब मैंने कहा- मैं सिर्फ़ इसे देखना चाहता हूं और इस से खेलना चाहता हूं। उसकी पेंटी निकाली तो वो पूरी तरह भीग चुकी थी। मैंने उसमें हाथ घुमाना चालू किया वो अपने आप से बाहर हो गई थी।
उसकी चूत से रस बाहर आने लगा। वो जैसे होश ही खो बैठी थी। मैंने मौका देखते ही अपना लण्ड उसके मुंह से निकाल के उसकी चूत के आगे रगडा और फ़िर मैंने धीरे से उसकी कलीशी चूत में अपने लण्ड का टोप धीरे से अन्दर रखा और जोर से धक्का दिया तो मेरा लण्ड आधा चला गया और वो चिल्ला के बोली- मारोगे ! मुझे तो मार ही डाला ! मेरी चूत को चीर डाला! निकाल दो प्लीज़ ! आप छोड़ दो भगवान के लिए।
मैं दूसरा धक्का मारने का छोड़ उसके सर को सहलाने लगा और उसे किस करने लगा और दोनों हाथों से उसके बूब्स को मसलने लगा। वो तो बहुत ही रो रही थी और तड़प रही थी, मैंने थोड़ा सही मौका देखा और मेरा पूरा जोर लगा के पूरा ही अंदर डाल दिया। वो चिल्ला उठी- मर गई माँ !
फ़िर उसका दर्द कम ही होते ही वो मुझे सुपोर्ट करने लगी और मैंने भी धीमे धीमे आगे पीछे होना शुरु कर दिया। फिर तो उसे भी बहुत मजा आ रहा था और मुझे भी। ऐसे तो बहुतों को चोदा है सबको मुझसे संतुष्टी मिली है, लेकिन ये तो बहुत ही खुश हो के दे रही थी। वो दो बार अपना पानी निकाल चुकी थी। वो बोली- आपका कब होगा सब कुछ आज ही खत्म करोगे मेरा थोडा तो कुछ रहने दो। बस क्या कहना था हमने हमारे मशीन की स्पीड बढा दी और हमारा भी पानी उसकी चूत में निकल दिया और वो बहुत खुश हो गई।
फ़िर तो वो ५ दिन में एक बार मुझसे चुदवाने लगी। आज भी जब उसका मन होता है तो हम मिलते है और काम करके अलग होते हैं।

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