Friday, April 24, 2009

Son fucking mother

Taboo 2 features a son seducing his mom to have sex

Wednesday, April 22, 2009

किरायेदारों से चुदवाया

प्रेषिका : पायल

मैं एक शादीशुदा औरत हूँ। शादी से पहले मैं बहुत चुदी हुई लड़की थी। दसवीं क्लास से चुदवाने का ऐसा चस्का लगा कि अब में मर्द के बिना रहना सपने में भी नहीं सोचती। मर्द के बिना मेरा जिस्म मचलता है।

लो अब मुद्दे पे आती हूँ।

मेरी उमर सिर्फ़ २४ साल की है मैं अपने ससुराल में रहती हूँ, मेरी शादी राहुल मेहरा के साथ २-२-२००८ में हुई। मेरी शादी घरवालो ने एक अमेरिकन सिटिज़न लड़के के साथ की। सब जानते है पंजाब में बाहर के रिश्ते सभी ढूंढते हैं, शादी के बाद पति देव ३ महीने भारत में रहे, खूब मज़े किए, खूब चुदाई करवाई।

मेरी सासू माँ और ससुर जी दोनों सरकारी मुलाज़िम है ससुर जी भी और सासू माँ सरकारी टीचर। एक देवर है नागपुर में पढ़ाई करता है एक ननद है १९ साल की, वो भी ए कर रही है। सो दोस्तो मेरा ससुराल वाला घर अमृतसर के ख़ालसा कॉलेज के पास है वहाँ बाहर से लड़के पढ़ने आते हैं सो ससुर जी ने ऊपर वाला हिस्सा किराए पे दे रखा है।

मेरा घर बहुत सेफ है पूरी तरह बन्द, बड़ा सा मेन-गेट है। ३ लड़के किराए पे रहते हैं वो मुझे जब मिलते तभी वासना उनकी आँखों में दिखती वो मेरी जवानी देख रह नहीं पाते। पति के जाने के बाद मैं चुदने को बेचैन रहने लगी। फिर मैंने सोचा कि उनमें से एक लड़के को मैंने भी लाइन देनी शुरू कर दी। जब वो छत पे बैठे रहते, मैं कपड़े सुखाने के लिए जब जाती तो जानबूझ कर झुक कर उनको अपने मस्त गोल मोल मम्मे दिखाती। उनकी निगाहें भी मेरे मलाई जैसे मम्मो पे रहती। जब मैं उनके पास से निकलती, अपने होंठ चबा देती, गाण्ड मटका मटका के चलती। वो आहें भरते, कॉमेंट देते- क्या माल है यार !

उनकी ऐसी बातें मेरी प्यास और बढ़ा देती। आख़िर एक दिन ऐसा मिल ही गया। सास ससुर को किसी काम से मेरी बड़ी वाली ननद मिन्नी के घर जाना था। मिन्नी दिल्ली में रहती है, ननद के पेपर चल रहे थे, वो वैसे भी रोज़ ९ बजे चली जाती मेरी सासू माँ उन लड़कों को अपने बच्चों की तरह समझती और रोज़ सुबह उनके लिया चाय बनवा के भेजती इसीलिए उन्होने मुझे कहा कि तुम इनकी चाय बना दिया करना और आवाज़ लगा देना, ले जाया करेंगे।

अँधा क्या चाहे दो आँखें ! मैंने कहा- जी ठीक है !

अगली सवेर हुई, मैं जल्दी उठ जाती हूँ वैसे भी आज मुझे बन-फब के रहना था, सेक्सी कपड़े, मैंने गहरे गले का सूट पहन लिया वो भी नेट का, जिसके पीछे ज़िप। मैंने रजनी के जाने के बाद गेट बन्द कर रसोई से चाय बना के उनको आवाज़ लगाने की बजाए खु्द ही उपर चली गई, दरवाज़ा खड़काया तो उनमे से सुमित ने दरवाज़ा खोला मुझे देख वो खुश हो गया, बोला- भाभी आप ! चाय?

मैंने कहा- जी हाँ जनाब ! सासू मां मेरी ड्यूटी लगा के गई हैं !

उसने टी-शर्ट और नीचे सिर्फ़ कच्छा पहन रखा था मेरी नज़र बार बार उसके फ़ूले हुए आधे जगे लंड पे चली जाती।

वो बोला- भाभी ! क्या देख रही हो? कभी अपने पति को कच्छे में नहीं देखा?

मैं बोली- हट !

उसने चाय मेज़ पे रख दी और मेरी कलाई पकड़ मुझे अपनी तरफ खींच लिया और अपनी बाहों में ले लिया।

मैंने कहा- क्या कर रहे हो?

बोला- तुमने हमें बहुत तड़फ़ाया है, हम तीनो के लंड रोज़ खड़े करती हो, जानबूझ कर अपने मम्मे दिखाती हो, कभी होंठ काटती हो, कभी ज़ुबान होंठों पे फेरती हो ! इतनी गर्मी तो आपकी ननद रजनी में भी नहीं है ! कहते हुआ बोला- आज हम सब मिलकर चाय पीते है !

विकी उठा और उसने भी मुझे अपनी बाहों में ले लिया और बोला- आज मौका है, भाभी चुदवा लो ! हम जानते हैं तुम बहुत चुदासी औरत हो !

तभी राजू बोला- हाँ भाभी ! आज चोदने दो !

मैंने सोचा- तीन लड़के ! शादी से पहले दो लड़को के साथ एक बार में मैं सो चुकी थी, चूत गीली होने लगी और मैंने खुद को उन्हें सौंपते हुए विकी से चिपक गई।

तभी राजू ने मेरी सलवार का नाड़ा खोल दिया, मुझे पता नहीं चला। जब सलवार नीचे गिर गई, विकी ने पीछे से ज़िप खोलते हुए कमीज़ उतार दी। सुमित ने मेरी ब्रा खोल दी। मैं उनकी रज़ाई में घुस गई और वो भी रज़ाई में आ गए।

मैंने अंदर से हाथ डाल विकी और सुमित के लंड पकड़ लिए। राजू रज़ाई से बाहर खड़ा था, उसने अपना सोया हुआ लंड मेरे मुँह में डाल दिया। मैंने उसको चूस चूस के खड़ा कर दिया, लॉलीपोप की तरह चूस रही थी।

विकी बोला- रंडी सच में बहन की लौड़ी चुदासी है !

तभी उसने भी रज़ाई से निकलते हुए अपना आधा खड़ा लंड मेरे मुँह में डाल दिया, उसका खड़ा कर दिया, सुमित ने भी अब अपना लंड मेरे होंठों के पास लगा दिया और मैं बारी-बारी तीन लंड चूसने लगी।

वाह ! कितना मज़ा दे रही है साली ! तभी राजू बोला- चल साली टाँगे खोल ! चिकनी चूत चाटने दे !

वो मेरी चूत चाटने लगा।

आिइ उईईइ हा !

साथ साथ मेरी गाण्ड में उंगली करने लगा। सुमित का लंड मैं बिना रूके चूस रही थी।

तभी राजू ने मुझे कहा- घोड़ी बनो भाभी !

मैं घोड़ी बन गई। उसने कोल्ड क्रीम अपने लंड पे लगा के लंड मेरी गाण्ड में डाल दिया। हाए ! क्या किया ! इसको क्यूँ चोद रहा है?

बोला- मुझे गाण्ड मारनी पसंद है !

सुमित नीचे से मेरे स्तनों को चूस रहा था, कभी चूचुक को काट देता। विकी मेरे मुँह में डाल कर चुसवा रहा था, राजू ने अपना लण्ड मेरी गाण्ड से निकाल लिया और खुद सीधा लेट गया, मुझे कहा कि ऊपर से आ कर गाण्ड में डाल लो !

मैंने उसका लंड पूरा अंदर ले लिया।

तभी विकी ने दराज़ से कंडोम निकाल कर अपने लंड पे चढ़ा लिया और बीच में बैठ उसने मेरी चूत पे थूक लगा के उंगली डाली ! सीईईईईई उहह आह के साथ उसने एक मिनट में मेरी फुदी में ज़ुबान डाल के गरम कर दिया और लंड पेल दिया। जब उसने पूरा घुसा दिया, राजू रुक सा गया। लेकिन जल्दी दोनों तेज़-तेज़ चोदने लगे। हाए !साली तू तो अपनी कुँवारी ननद से भी खरा माल निकली !

सुमित मस्ती में लंड चुसवा रहा था। तभी राजू का झड़ने वाला था उसने निकाल लिया और तभी विकी को निकलना पड़ा लेकिन जल्दी से सुमित नीचे लेट गया और अपना लंड राजू की जगह डालते हुए चोदने लगा। विकी ने फ़िर डाल दिया।

राजू बोला- चूस के माल निकाल दो !

लेकिन मैं उसकी मूठ मारने लगी।

चूस चूस !

तभी उसको जोश आया उसने खुद मूठ मारते हुए अपना पूरा माल मेरे होंठों पे डाल दिया और लौड़ा मेरे मुँह में डाल दिया। मैं चुद रही थी, गरम थी, मैं भी उसका एक एक कतरा पी गई और चाट चाट के साफ कर डाला।

तभी विकी उठा और उसने भी कंडोम उतार दिया और मूठ मारते हुए अपने लंड का सारा माल मेरे मम्मों पे डाल दिया और उसको मेरे निप्पल्स के साथ मसलने लगा। मैंने झट से उसको खींचा और चाट कर साफ कर दिया। वो दोनों बराबर में लेट के हाँफने लगे और सुमित अब मुझे अपने नीचे डाल के फुदी मारता हुआ जल्दि ही छुट गया। उसने सारा माल मेरे अंदर डाल दिया। उसने कंडोम नहीं लगाया था।

सो दोस्तों ! दो बजे तक कमरे में नंगा नाच चला !

तीनों ने एक एक बार और चोदा, मेरी प्यास बुझा दी, इतना मज़ा दिया।

फिर मैं हर रोज़ एक से चुदवाती और फिर ननद रजनी को भी खेल का हिस्सा बना लिया।

Sunday, April 19, 2009

Bollywood lesbian fucking scene

From bollywood movie lesbian fucking scene. They showing nude scene and fucking each other catching boobs really hot scene

Sexy lesbian kissing hardly each other

beautiful Rusian lesbian kissing each other erotic scene

very sexy tong kiss in beach

very sexy and hard kiss in beach
These couples seems out of control may be you like this

Saturday, April 4, 2009

बहन और उसकी ननद की चुदाई

बहन और उसकी ननद की चुदाई

मेरा नाम सुमित कुमार है, मेरी उम्र २६ साल है, मैं अम्बाला, हरियाणा का रहने वाला हूँ। मैं इस समय चंडीगढ़ में नौकरी करता हूँ

बात आज से ४ साल पहले की है, मैं किसी काम से दिल्ली गया हुआ था। तो उस दिन वो काम किसी वजह से नहीं हुआ। दिल्ली में मेरी बड़ी बहन रहती है जिस का नाम सुमन है। तो मैं रात को देर होने की वजह से उस के घर रुक गया तो मेरी दीदी के घर उसकी ननद आई हुई थी उस का नाम कोमल था, वो अपने पति के साथ मुंबई में रहती है वो कुछ दिनों के लिए वहां आई हुई थी। वो देखने में काफी सुंदर है और उसकी चूची काफी बड़ी हैं जोकि पहले भी उस को देख कर मेरा लण्ड खड़ा हो जाता था लेकिन उस दिन वो काफ़ी स्मार्ट लग रही थी।

हम रात को खाना खाते समय बात करते रहे। बात करते करते मैं उस से काफ़ी घुल-मिल गया था। खाना खाने के बाद दीदी और जीजाजी जल्दी ही सो गए और हम दूसरे कमरे में टीवी देखते रहे। मैंने यह बात नोट की कि उसका ध्यान टीवी पर कम और मेरी तरफ़ ज्यादा है। मैंने एक दो बार उसकी आंखों में आंखें डाली तो उसने अपना ध्यान टीवी की तरफ़ कर लिया। ठण्ड होने की वज़ह से हम एक ही रजाई में बैठे हुए थे क्यूंकि दूसरी रजाई दीदी अपने साथ अपने कमरे में ले गई थी।

बैठे बैठे मेरा पैर अकड़ गया तो मैंने ज्यों ही अपना पैर खोला तो मेरा पैर उस के पैर से थोड़ा सा लगा मेरे अंदर करंट सा दौड़ गया और मेरा लण्ड खड़ा हो गया लेकिन उस ने कुछ नहीं कहा तो मैंने हिम्मत कर के अपना पैर थोड़ा सा बढ़ाया और उस के पैर से थोड़ा और छुआ दिया, तो भी वो कुछ नहीं बोली। हम कुछ देर ऐसे ही बैठे रहे तो मैंने फिर अपना हाथ उस के पैर पर रख दिया और धीरे धीरे उस की जांघों पर ले आया लेकिन वो फिर भी कुछ नहीं बोली और टी वी देखती रही। मैं अपना हाथ उसकी जांघों पर फिराता रहा और फिर मेरा हाथ उसकी सलवार के नाड़े तक पहुँच गया। जैसे ही मैंने उसके नाड़े को खींचना चाहा तो उस ने मेरा हाथ पकड़ लिया और मेरी तरफ गुस्से से देखा और बोली- यह क्या कर रहे हो?

उसकी यह बात सुन कर मैं डर गया और आराम से बैठ गया। थोड़ी देर बाद वो उठ कर अपने कमरे में सोने के लिए चली गई और उस के जाने के कुछ देर बाद मैं भी टीवी बंद करके अपने कमरे में सोने के लिए चला गया। मैं जा कर बेड पर लेट गया, मैं रात को सिर्फ अंडरवीयर और बनियान में सोता हूँ। मेरा लण्ड खडा होने के वजह से बहुत देर मुझे नींद नहीं आई, काफी देर बाद मैं सो गया।

करीब रात के २ बजे मुझे लगा कि कोई मेरे पास लेटा है जो मेरे लण्ड को हाथ में लिया हुआ है और हिला रहा है। मैंने ऑंखें खोली तो वो कोमल थी। वो बोली कि मैं बाहर तुम पर गुस्सा हुई मुझे माफ़ कर देना, मैं कब से तुम से चुदाई करवाने की सोच रही थी, मेरा सपना आज पूरा हो गया है।

फिर मैंने भी उस की चूची पकड़ ली और उन्हें दबाने लगा। फिर मैंने उसे नंगा कर दिया, उस ने मुझे नंगा कर दिया और शुरू हो गया हमारी चुदाई का कारनामा-

फिर मैं उसकी चूची चूसने लगा और उसे दबाने लगा। जब भी मैं उसकी चूची दबाता, वो आह-आह करती। फिर मैं एक हाथ से उसकी चूची दबा रहा था और एक हाथ से उसकी चूत सहला रहा था। वो मेरा लण्ड अपने दोनों हाथो में ले कर हिला रही थी और कह रही थी- उसके पति का लण्ड काफी छोटा है, उसने आज तक उसको संतुष्ट नहीं किया, आज तुम मुझे संतुष्ट जरुर करना !

यह कह कर उसने मेरा लण्ड अपने मुंह में ले लिया और उसे लोलीपोप की तरह चूसने लगी। फिर मैंने उस को सीधा लिटा दिया और उस पर सवार हो गया। जैसे ही मैंने उस की चूत पर अपना लण्ड रख कर एक धक्का दिया और मेरा थोड़ा सा लण्ड उस की चूत में गया वो चिल्लाई और कहने लगी कि इसे बाहर निकालो और मुझे धक्का मारने लगी।

लेकिन मैं उसे कहाँ छोड़ने वाला था, मैंने एक जोर से धक्का और मारा मेरा पूरा लण्ड उस की चूत में घुस गया, वो और जोर से चीखने लगी। मैंने फिर अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए और उस का चीखना बंद हो गया। फिर मैं धीरे धीरे धक्के मारने लगा, उसे भी मजा आने लगा और वो कहने लगी- और जोर से ! और जोर से !

अब मैंने भी स्पीड बढा दी और जोर -जोर से धक्के मारने लगा। मैं करीब एक घंटे बाद शांत हुआ। मैंने अपना सारा पानी उसकी चूत में छोड़ दिया और उसके ऊपर गिर गया। इस चुदाई के बीच वो पॉँच बार अपना पानी छोड़ चुकी थी। फिर हम ऐसे ही नंगे सो गए।

करीब एक घंटे बाद मेरी नींद खुली तो मैंने देखा वो मेरा लण्ड चूस रही थी और मेरा लण्ड सीधा खडा था। फिर मैंने उस को कुतिया की तरह खड़ा किया और उसकी गांड पर थोड़ा सा थूक लगाया और उस पर अपना लण्ड रखा और एक जोर से धक्का मारा और एक बार में मेरा पूरा लण्ड उस की गांड में घुस गया। उसकी गांड काफी टाईट थी। वो दर्द के मारे जोर से चीखी। फ़िर मैं थोड़ी देर के लिए रुक गया। जब उसका दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैं धक्के मारने लगा और करीब ४५ मिनट के बाद जब झड़ने को हुआ तो मैंने अपना लण्ड उसकी गाण्ड से निकाल कर उसे सीधा किया और अपना सारा वीर्य उसके मुँह में छोड़ दिया और वो मेरा सारा वीर्य अपनी जीभ से चाट कर पी गई।

फ़िर सुबह होने को थी तो उसने अपने कपड़े पहने और अपने कमरे में चली गई। मैंने भी अपने कपड़े पहने और सो गया।

मैं करीब 8 बजे उठा और नहा धो कर फ़्रेश हो गया। जब मैंने कोमल को देखा तो वो काफ़ी खुश लग रही थी।

फ़िर मैं अपना काम करने के लिए निकल गया। उस दिन काम तो हो गया पर मुझे काफ़ी देर हो गई। इसी वजह से मुझे फ़िर दीदी के घर रुकना पड़ा। जब मैं दीदी के घर आया तो मुझे पता चला कि जीजाजी अपनी कम्पनी के काम से बाहर गए हैं, अगले दिन आएँगे।

रात को हम खाना खा कर बिना टी वी देखे अपने अपने कमरे में सोने चले गए। मैं उस रात भी कोमल की इन्तज़ार में था। थोड़ी देर बाद कोई मेरे कमरे में आया तो मुझे लगा कि कोमल ही होगी क्योंकि कमरे की बत्ती बन्द थी। मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपनी तरफ़ खींच लिया और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उसे जोर जोर से चूमने लगा और उसके स्तन दबाने लगा।

वो भी मेरे लण्ड को अन्डरवीयर के ऊपर से पकडे हुए थी। फ़िर मैंने अपने कपड़े उतार दिए और फ़िर उसके भी कपड़े उतार कर अपना लण्ड उसके मुंह में दे दिया। वो उसे चूसने लगी। उसे काफ़ी मज़ा आ रहा था।

फ़िर मैंने उसे सीधा लिटाया और उसकी चूत पर अपना लण्ड रख कर इतनी जोर से धक्का मारा कि वो उस धक्के को सह नहीं पाई और उसने जोर से चीख मारी क्योंकि मेरा पूरा का पूरा लण्ड उसकी चूत में जा चुका था। मुझे उसकी चुत्त आज काफ़ी टाईट लग रही थी।

इतने में किसी ने मेरे कमरे की बत्ती जला दी, मैंने पलट कर देखा तो वो कोमल थी और जिसकी चूत में मैंने अपना लण्ड डाला हुआ था वो मेरी बहन सुमन थी। मैं उसे देख कर दंग रह गया और मेरे पसीने छूट गए तो कोमल बोली- चोद आज अपनी बहन को ! चोद डाल ! उसके पति का लण्ड भी मेरे पति के लण्ड की तरह छोटा है। आज मेरी और उसकी दोनों की प्यास बुझा दे !

फ़िर सुमन बोली- आज अपनी बहन को चोद डाल मेरे भाई और उसे माँ बना डाल !

फ़िर मैंने रात को जम कर दोनों की चुदाई की और हम सो गए।

फ़िर अगले दिन सुबह जीजाजी का फ़ोन आया कि वो एक सप्ताह बाद आएंगे, तब तक तू अपनी दीदी के पास रुक जाना।

फ़िर क्या था हम तीनों ने दिन-रात जम कर चुदाई की और मैं वहाँ से आ गया।

उसके बाद जब भी मैं अपनी दीदी के घर गया, मैंने दीदी की जम कर चुदाई की।

आज मेरी दीदी एक लड़के की माँ है और उसकी ननद एक लड़की की माँ है, दोनों बच्चों का बाप मैं हूँ।

भैया की मर्ज़ी से भाभी को चोदा

भैया की मर्ज़ी से भाभी को चोदा

वैसे तो मेरा घर दिल्ली में है पर अब से दो साल पहले ही मेरा तबादला बंगलोर में हो गया था। मेरी उम्र २७ साल है और मेरा रंग गोरा, सुडोल शरीर है और मेरा लण्ड ८’’ लम्बा और २.५ ’’ मोटा है। मेरे घर (दिल्ली)में मेरी मॉम, डैड, मेरे बड़े भैया और भाभी जी रहते हैं।

अब मैं सीधे कहानी पर आता हूँ, मैं एक बहुत ही सेक्सी किस्म का इन्सान हूँ।

ये कहानी मेरी और मेरी भाभी की है। अब से ६ साल पहले की बात है।

मुझे नग्न काम-कला वाली फिल्मों का बहुत शौक है। उस समय मैं रोज एक मूवी लाता था और देख कर मुठ मारता था। ये बात शायद मेरी भाभी को पता चल गई थी। एक बार मेरे मॉम डैड कुछ काम से १ महीने के लिए हमारे गाँव गए हुए थे। मैं रोज़ रात को सेक्सी मूवी देखने के बाद मुठ मर के ही सोता था। हमारा घर दो मंजिला है, मैं और मेरे भैया भाभी दूसरी मंजिल पर रहते थे और मेरा कमरा भाभी के बाजू में ही था।

एक रात को मैं मूवी देख रहा था तो मेरे को लगा कि कोई मेरे कमरे में झांक रहा है मैं देखने के लिए जैसे ही बाहर आया तो मैं अपनी भाभी को अंदर कमरे में जाते देखा। मैंने देखा कि भाभी ने कमरे का दरवाज़ा थोड़ा सा खुला ही छोड़ दिया और खिड़की भी खोल दी। फिर मैं छुप कर देखने लगा कि अन्दर क्या हो रहा है।

तब मैंने देखा कि भैया सो रहे थे और भाभी ने उनकी लुंगी खोल कर उनका लण्ड चूसना शुरू कर दिया। थोड़ी देर बाद उन्होंने एक एक करके अपने सभी कपड़े खोल दिए और नंगी हो गई और मेरी तरफ अपनी गांड करके बड़े ही सेक्सी ढंग से भैया का लण्ड चूसने लगी। फ़िर थोड़ी देर बाद भैया के ऊपर चढ़ कर अपनी चूत में लण्ड डाल कर बड़े सेक्सी ढंग से ऊपर नीचे होने लगी और पीछे मुड़ कर मुझे देखने लगी और जोर जोर से सीत्कार करते हुए भैया से चोदने के लिए कहने लगी।

तब मैं समझ गया कि भाभी मुझे ही यह सब दिखा रही हैं। भैया नीचे से जोर लगा कर भाभी को चोदने लगे, भाभी मेरी तरफ़ बड़े सेक्सी तरीके से देख रही थी। थोड़ी ही देर में भैया झड़ गए और भाभी को बोलने लगे- अब बस कर !

तब मैंने देखा कि भाभी प्यासी ही रह गई।

भाभी ने भैया से कहा- मैं हमेशा प्यासी ही रह जाती हूँ !

तो भैया उन्हें प्यार से बोले- जानू ! मैं क्या करूँ?

तभी भैया को ना जाने क्या ख्याल आया और बोले- तू सैंडी से क्यों नहीं सम्बंध बना लेती।

भाभी पहले गुस्से में बोली- तुम्हारा दिमाग तो ठीक है?

फ़िर भैया के जोर देने पर मान गई। मैं यह सब खिड़की पर खड़ा सुन रहा था। मैं अपने कमरे में जाकर लेट गया, काफ़ी देर बाद मुझे नींद आई। सुबह जब मैं उठा तो आठ बज चुके थे और भैया ऑफिस जाने को तैयार थे, तब भैया बोले कि सैंडी आज तुम कॉलेज नहीं जाना घर का थोड़ा ख्याल रखना, तुम्हारी भाभी की तबियत कुछ ख़राब है !

मैं हाँ बोला और नहाने चला गया। उसके बाद जब मैं तैयार हो कर नाश्ता कर रहा था तो भाभी बहुत ही सेक्सी गाऊन पहन कर आई। उन्हें देख कर और रात की बात याद कर के मेरा लण्ड खड़ा होने लगा पर मेरी हिम्मत नहीं हुई और भाभी भी मुझे कुछ नहीं बोल पाई।

इस तरह दोपहर के दो बज गए।

तब भाभी ने मुझे कहा- मेरे सर में दर्द हो रहा है। क्या तुम मेरे विक्स लगा दोगे?

मैं बोला- जी भाभी !

मैं उनके कमरे में चला गया। जब मैं विक्स लगा रहा था तो भाभी धीरे धीरे कराह रही थी।

मैं बोला- भाभी ! बहुत दर्द हो रहा है?

भाभी बोली-हाँ ! बहुत दर्द हो रहा है।

मैं और जोर से सर दबाने लगा।

तब भाभी बोली- मेरे सीने में भी दर्द हो रहा है।

मैं थोड़ा घबराया और बोला- लाओ मैं वहाँ पर भी विक्स लगा देता हूँ, कुछ आराम मिलेगा।

वो कुछ नहीं बोली। फ़िर क्या था, मैंने फ़ौरन थोड़ी विक्स निकाली और उनके बड़े बड़े स्तनों पर विक्स लगाने लगा। वो सीत्कारने लगी। मैं दोनों बूब्स बारी बारी से दबा रहा था। मैने देखा- भाभी अपने गाउन के उपर से अपनी चूत को सहला रही थी। तब तक मैं भी पूरी तरह से गरम हो गया था, मैने झट से कहा- भाभी क्या तुम्हारी चूत में भी दर्द है?

मेरी ये बात सुनकर वो मुझसे चिपक गई और बोली- राजा ! चूत की वजह से ही तो मेरे स्तनों में दर्द है !

यहाँ मैं आपको बता दूँ मेरी भाभी और मुझे गन्दी गन्दी बातें करते हुए चुदाई में बहुत मजा आता है !

फिर तो मैं भी उनसे चिपक गया और उनके गाउन को उतार फेंका। अब वो मेरे सामने बिलकुल नंगी थी क्योंकि उन्होंने सुबह से ही कोई अंडर-गारमेंट नहीं पहना था। उसे नंगा कर के मैं पहले तो उसे देखता रहा फिर वाऽऽओ ! किया।

क्या फिगर है ३४ ३२ ३६ वाऽऽओ !

फिर मैंने उनकी चूत देखी, क्या गुलाबी चूत थी ! मैंने झट से उनकी चूत से मुंह लगा दिया और उनकी चूत को चाटने लगा।

वो बोली- हाँ जानू चाटो मेरी चूत को !

चूत सुनते ही मैं बोला- जानू मुझे चुदाई करते हुए गन्दी गन्दी बातें बोलना अच्छा लगता है, तुम मुझसे ऐसे ही चूत और लण्ड बोल बोल कर ही चुदाई करवाना !

वो बोली- मुझे भी ऐसे ही चुदाई में बहुत मजा आता है।

मैंने उसकी चूत को करीब आधे घंटे तक चाटा और वो इस दौरान कम से कम तीन बार झड़ चुकी थी। मैंने वैसे भी बहुत सारी मूवी देखी थी तो मैं उसी तरह से उसकी चूत को चाट रहा था और ऊँगली कर रहा था। वो जोर जोर से बोल रही थी- ऐसे ही चाटो मेरी चूत को ! आज पहली बार कोई मेरी चूत को चाट रहा है। तुम्हारे भैया तो चाटते ही नहीं हैं और न ही मुझे शांत करते हैं !

मैं चूत में ऊँगली करते हुए बोला- रात को मैंने सब देखा था !

तो वो बोली- तुमसे चुदवाने के लिए ही तो मैंने तुम्हारे भैया से रात को तुम्हें दिखाते हुए ही चुदवाया था।

फिर वो बोली- मुझे अपना लण्ड दिखाओ !

तब मैंने अपना लोअर निकाल दिया। वो देखते ही बड़ी खुश हुई और बोली- वाऽऽओ ! तुम्हारा लण्ड तो बहुत बड़ा है, आज मजा आयेगा !

मैं बोला- भाभी ! इसको अपने मुंह में नहीं लोगी?

तब झट से उन्होंने मेरा लण्ड पकड़ा और मुंह में डाल कर चूसने लगी।

मुझे बड़ा मजा आ रहा था, उनका मुंह बहुत गरम था, थोड़ी ही देर में मैं उनके मुंह में झड़ गया और वो सारा का सारा मेरा रस पी गई और बोली वह क्या रस है तुम्हारा ! आज पहली बार मैंने किसी लण्ड का रस पिया है !

फिर थोड़ी देर बाद वो फिर से मेरा लण्ड चूसने लगी। थोड़ी ही देर में मेरा लण्ड फिर से खडा हो गया। तब मैं बोला- भाभी ! अब मैं तुम्हें चोदना चाहता हूँ !

तो वो बोली- पहले मुझे गन्दी गन्दी गाली दो और मुझे अपनी रांड कहो तो मैं तुम्हें अपनी चूत दूंगी।

ये सुनते ही मैं बहुत खुश हुआ और बोला- साली रांड ! आज मैं तेरी चूत फाड़ कर रहूँगा। कुतिया ! तुझे इतनी बुरी तरह से चोदूंगा कि तू भी याद रखेगी !

फिर मैंने उसके बाल पकड़े और उससे बेड पर गिरा दिया और उसके बदन पर काटने लगा। वो कराहने लगी। तब मैं बोला- साली रण्डी ! तुझे मेरे भाई से संतुष्टि नहीं मिलती ! आज देख मैं तेरी चूत फाड़ कर रख दूंगा !

तो वो बोली- साले हरामी ! तेरे भाई के लण्ड में तो मुझे शान्त करने की हिम्मत ही नहीं है और तू कया मुझे चोदेगा ,मैंने झट से उसके मम्मे इतनी जोर से दबाये कि वो चिल्ला पड़ी और बोली थोड़ा धीरे पर मैं तब तक पागल हो गया था और एक साथ उसके उपर आ गया और उसकी चूत में अपना लण्ड रगड़ने लगा वो बोली गांडू लण्ड को चूत पर सहलाता ही रहेगा या इससे चूत में डालेगा भी मैंने झट से अपना लण्ड एक जोरदार झटके से उसकी चूत में डाल दिया। वो चिल्ला पड़ी और बोली- प्लीज़ इसे निकालो ! मुझे दर्द हो रहा है ! तुम्हारा बहुत बड़ा है !

पर मैं कहाँ सुनने वाला था, मैंने एक और झटका दिया और मेरा आधे से ज्यादा लण्ड चूत में चला गया। वो रोने लगी। फिर मैं तेज तेज से उसे चोदने लगा और बोला- बोल साली रंडी ! मजा आ रहा है? अब बोल मेरा लण्ड तो आराम से ले सकती है?

वो रोते हुए बोली- प्लीज़ सैंडी ! इसे निकालो मुझे बहुत दर्द हो रहा है !

मैं बोला- जानू बस अब तो पूरा लण्ड चूत में घुस गया है, अब तू मजे ले !

और थोड़ी देर के लिए शांत हो कर उसके बूब्स को और उसके होंटो को चूसने लगा। थोड़ी देर में वो भी जोश में आ गई और बोली- हाँ जानू ! अब मुझे जोर जोर से चोदो !

और किलकारियां मारने लगी- अऽआऽऽआहऽहऽह ओऽऊऽऽओ ओहऽहह !

मैं भी जोश में था, मैं और जोर जोर से चोदने लगा। वो चुदाई के दौरान करीब तीन बार झड़ी। फिर आखिर में मैं और वो एक साथ झड़े और एक दूसरे से चिपक कर काफी देर तक लेटे रहे।

तब तक ७ बज चुके थे। हम उठे और भाभी ने भैया को फ़ोन करके कहा कि कुछ खाने को ले आयें आज उनकी इतनी हिम्मत नहीं है कि कुछ पका सकें।

खेल खेल में भैया से चुदवाया

खेल खेल में भैया से चुदवाया

लेखिका : नेहा वर्मा

मुझे चुदाये हुए काफ़ी दिन हो गये थे। मेरा निशाना अब मेरा भाई था। अचानक ही वो मुझे सेक्सी लगने लगा था। घर पर पज़ामें में उसका झूलता लण्ड मुझे उसकी ओर आकर्षित करता था। उसे छुप कर नहाते हुए देखना मेरी आदत बन गई थी। जब कभी वो बाहर पेशाब करता था तो खिड़की से झांक कर मै उसका लण्ड देखा करती थी। वो भी मेरी नजरें पहचानने लग गया था। पर उसकी हिम्मत नहीं होती थी। वो भी मुझे नहाते हुए देखने की कोशिश करता था, उसमें मैं उसकी सहायता भी करती थी। हमेशा ऐसी जगह खड़ी हो जाती थी कि वो आराम से देख सके। आज हम दोनों एक दूसरे पर जाल डालने की कोशिश कर रहे थे। जब दो दिल राजी तो क्या करेगा काजी।

हम दोनों बिस्तर पर रज़ाई डाले बैठे थे। अपने मोबाईल से खेल रहे थे। राहुल अपने दोस्तों की तस्वीरें दिखा रहा था। इतने में एक फोटो नंगी सी लगी।

"ये कौन है राहुल ... ?

" ये मैं हूँ ... देख मेरी बॉडी ... है ना सॉलिड ... !" उसने अपनी तारीफ़ की।

मैंने अंडरवियर की तरफ़ इशारा करके उसे छेड़ा,"और ये डंडा जैसा क्या है ... ?"

"चल हट ... ये तो सबके होता है ... " उसने झेंपते हुए कहा।

"पर इतना बड़ा ... "

"है तो मैं क्या करूं ... "

"ऐ ... मुझे बता ना कैसा होता है ये ... " मैंने उसे उकसाया।

"शरम आती है ... अच्छा पहले तू बता ... " राहुल ने शरमा कर कहा।

"हट रे ... लड़कियों के ये डन्डा नहीं होता है ... " मुझे सनसनी सी हुई।

"तो मुझे दिखा तो सही ... तेरे होता है, तू झूठ बोलती है ... " उसने मेरी चूत पर हाथ मारा ... और हाथ फ़ेर कर बोला "अरे हां यार ... ये कैसे ... " मुझे जैसे बिजली का करंट दौड़ गया। मेरा मुँह लाल हो गया। पर मैंने कोई रिएक्शन नहीं दिखाया।

"तेरे पास तो है ना ... " मैंने उसके लण्ड पर हाथ फ़ेरा। उसका लण्ड खड़ा हो गया था। वो भी एक बार कांप गया। उसने और फोटो निकाले।

"ये देख ... ये मेरा डन्डा है और ये देख ये रोहित का है ... " राहुल बताता जा रहा था, मेरे मन में खलबली मच रही थी।

इतने में मम्मी ने खाने के लिये आवाज लगाई ... "क्या कर रहे तुम दोनों ... चलो अब !"

हम दोनो रज़ाई में से निकल कर भागे ... "खाने के बाद और दिखाऊंगा ... !"

खाना खा कर हमने फिर से टीवी लगा दिया।

"हम सोने जा रहे हैं !"

" ... बत्ती बन्द करके सोना ... " कह कर मां ने अपना कमरा बन्द कर दिया।

हमने अपना कार्यक्रम जारी रखा।

हमने रज़ाई अब एक तरफ़ रख दी थी। उसका खड़ा हुआ लण्ड साफ़ दिख रहा था। उसने जानबूझ कर के अपना लण्ड नहीं छुपाया था। उसका मन था कि मैं उसका लण्ड पकड़ कर मसल डालूँ । मुझे सब पता था फिर भी राहुल को उकसाने के लिये मैंने भोलेपन का सहारा लिया।

"मैंने उसका लण्ड को छू कर कहा - "भैया ... इसे क्या कहते हैं ... ?"

"ये तो सू सू है ... !"

"नहीं ... और क्या कहते है ...? "

"वो ... देख गुस्सा नहीं होना ... इसे लण्ड कहते हैं !"

"हाय रे ... लण्ड ... ये तो गाली होती है ना ... और मेरी इसको ...? "

उसने मेरी चूत को छू कर और इस बार हल्का सा दबा कर कर कहा ... "इसको तो चूत कहते हैं ... " चूत छूते ही मेरे जिस्म में एक बार फिर से करण्ट दौड़ गया। मुझे इच्छा हुई कि साली को जोर से दबा दे।

"हाय रे ... चूत इसे कहते हैं ... और ये ... " मैंने बोबे की तरफ़ इशारा किया।

"उसने मेरे चूचक पर अपना हाथ रखते हुए और थोड़ा सा दबाते हुए कहा ... "ये इसे चूंची कहते हैं ... " वो जान कर मेरे अंगों को दबा दबा कर बता रहा था। मेरे शरीर में वासना दौड़ने लगी थी। राहुल का भी लण्ड फ़ड़फ़ड़ा रहा था। साफ़ ही दिख रहा था। मुझसे रहा नहीं गया। उसे हल्के से दबा ही दिया। राहुल सिसक पड़ा।

"बड़ा प्यारा है ना ... !"

"नेहा अपनी चूंची दिखा ना ...!"

"नहीं पहले तू अपना लण्ड दिखा ... !"

' दीदी शरम आती है ... अच्छा और हाथ से दबा ले ... !"

"ठीक है ... " मैंने उसका फिर से लण्ड पकड लिया ... और दबाने लगी। लण्ड दबाते हुये मेरे जिस्म में सनसनी फ़ैल गई। वो हाय हाय करने लगा।

"नेहा कितना मजा आता है ना ...! "

"बस कर ना ... अब तू चूंची दिखा।"

"नहीं तू भी हाथ लगा कर देख ले ... " उसने भी हाथ क्या रखा ... मेरे बोबे दबा ही डाले। मैं सिसक उठी।

"देख अब तो लण्ड दिखा ही दे ना प्लीज॥ ... " राहुल भी तो यही चाहता था कि कुछ और आगे बात बढ़े। उसने अपना पजामा नीचे उतार दिया और अपना कड़कता हुआ लण्ड बाहर निकाल दिया। मेरी तो आह निकल गई। मन मचल गया।

"पकड़ लूँ ... ?" और उसके लण्ड को पकड़ लिया। एकदम गरम लोहे जैसा सख्त।

"अब तू अपनी चूत बता ... !"

"धत्त ... नहीं रे ... !"

"प्लीज बता दे, देख मैंने भी अपना लण्ड बताया ना ... " मेरे शरीर में जैसे चींटियाँ रेंगने लगी। मैंने अपना स्कर्ट उंचा कर दिया। मुझे ऐसा करने असीम आनन्द आने लगा। शरीर में सनसनी फ़ैलने लगी।

"पांव फ़ैला ना।" मैंने शरमाते हुए अपने पांव फ़ैला दिए। मेरी चूत की दो फ़ाकें और बीच में एक छेद ...

"हाथ लगा दूँ ... !" उसने अपनी अंगुली मेरी चूत पर घुमाई और छेद में घुसा दी ... मैं तड़प उठी। और झट से उसका हाथ हटा दिया पर सच में हटाना नहीं चाहती थी।

"चल बहुत हो गया ... अब सो जा ... बाकी कल करेंगे।" राहुल बत्ती बन्द करके आ गया और मेरे पास ही लेट गया।

"नेहा ... चूत में लण्ड कैसे जाता है ... तुझे पता है ... ?" अब मुझे मौका मिल ही गया। भैया को अब ज्यादा तड़पाना ठीक नही, मैंने सोचा अब चुदवाना ही ठीक है।

"नहीं रे ... तू कोशिश करेगा ... करके देख ... शायद लण्ड घुसेगा ही नहीं ... !" मुझे पता था, शायद उसे भी पता था ... कि घुसेगा कैसे नहीं।

"उसके लिये क्या करूँ ... कैसे घुसाऊँ ...? "

"ऐसा कर तू मेरे ऊपर आजा ... और लण्ड को चूत पर रख कर जोर लगा ... आजा ऊपर आजा ... और कोशिश करके देख ... !" मुझे सिरहन होने लगी थी ... कि ये चोद डालेगा ... !

वो नंगा तो था ही, मेरी टांगों के बीच में आ गया ... मेरा शरीर तो वासना के मारे कांप गया। अब लण्ड अन्दर घुसेगा ... इन्तज़ार था ... ।

उसने अपना लण्ड मेरी चूत पर रखा और जोर मारा। मेरी चूत तो पहले ही गीली हो चुकी थी। वो एकदम अन्दर घुस पड़ा। मैं तड़प उठी।

"पूरा नहीं गया है और जोर लगा !" अब मेरे ऊपर लेट गया और जोर लगा कर लण्ड पूरा घुसा दिया।

"दीदी इसमें तो बहुत मजा आ रहा है ... !"

"हां ... राहुल ... मुझे भी मजा आ रहा है ... और कर ... अन्दर बाहर कर ... " मैं तो पहले भी चुदवा चुकी थी ये तो एक बहाना था भैया को पटाने का।

उसने मुझे चोदना शुरु कर दिया। "हाय रे दीदी ... क्या मस्त है ... खूब मजा आ रहा है ...!"

"भैया ... और धक्के मार ... जोर से मार ... लगा यार ... हाय ... बहुत मजा देता है रे तू तो ... !"

"दीदी ... " उसने जोश में मेरे बोबे मसलने चालू कर दिये। उसके धक्के बढ़ते जा रहे थे ... मुझे जोर से जकड़ता भी जा रहा था। मैं आनन्द से निहाल हो रही थी। अब वो तेज और जल्दी जल्दी धक्के मार रहा था। अचानक मुझे लगा कि मैं झड़ने वाली हूँ ... मुझे और चुदाई चाहिये थी पर अपने को रोक नहीं पाई। और झड़ने लगी ... इतने में राहुल भी मेरे से चिपट गया और उसके लण्ड ने माल उगल दिया। वो मेरे ऊपर ही पड़ गया।

"अरे हट ना राहुल ... ये क्या कर दिया तूने ...!"

"मुझे क्या पता ... अपन तो कोशिश कर रहे थे ना ... इसमें दीदी खूब ही मजा आता है ... और करें दीदी ...? "

"इसे चुदाई कहते हैं ... समझा ... और चोदेगा क्या ... ले आजा ... सुन पीछे भी तो एक छेद है ... उसमें इस बार कोशिश कर !" मैंने उसके लण्ड को मसलते हुए कहा।

"कहाँ दीदी गाण्ड के छेद में ...? "

" हां रे ... देख उसमें घुसता है या नहीं ... !" कुछ ही देर में वो फिर लोहे जैसा कड़क हो गया।

राहुल फिर एक बार और तैयार हो गया ... मैंने करवट लेकर अपनी चूतड़ को उसके लण्ड से सटा दिया। उसका लण्ड मेरी चूतड़ों की दरार को फ़ाड़ता हुआ गाण्ड के छेद से टकरा गया। मैंने अपनी गाण्ड ढीली कर दी। उसने कोशिश करके लण्ड गाण्ड में घुसा ही डाला। फिर मेरे दोनों बोबे थाम कर दबा दिये। और नीचे जोर लगा दिया। लण्ड अन्दर सरकने लगा। मुझे हल्का दर्द हुआ ... पर मजा तो आ रहा था ना। उसका लण्ड अब मेरी गाण्ड चोदने लगा। मुझे मजा आने लगा। गाण्ड के तंग छेद को उसका लण्ड नहीं सह पाया। तेज घर्षण के कारण उसका वीर्य एक बार फिर से छूट पड़ा।

"हाय दीदी ... मजा आ गया ... ! तुझे मजा आ रहा है ...? "

"भैया ... तू तो मजे की खान है रे ... अपन रोज़ ही ऐसा करेंगे ... बोल ना ... !"

"दीदी ... हां रोज ही करेंगे ... ! खूब मजे करेंगे ... !"

"देख मम्मी पापा को नहीं बताना ... वरना पिटाई हो जायेगी ...!"

"अरे मरना थोड़े ही है ... !"

"और चोदना है क्या ???"

"हां दीदी ... खूब चोदूँगा तेरे को ...! जोर जोर से चोदूंगा ... !"

"ले आजा ... फ़िर से चढ़ जा मेरे ऊपर ... और चोद दे ... !"

राहुल फिर तैयार था ... ...

मैंने अपनी टांगें फिर चौड़ा दी ... फिर एक बार गरम गरम लोहा मेरी चूत में उतरने लगा ...

मेरे दिल की इच्छा पूरी होने लगी ... ... मैं भैया से उस रात खूब चुदी ... उसने मेरा सारा चुदाई का खुमार उतार दिया।

सुबह हमारे बदन टूट रहे थे ... पर हम दोनों फिर से रात का इन्तज़ार करने लगे ...