Tuesday, January 27, 2009

बीवी ने पाँच एक साथ लिए

मेरा नाम मनु है और मैं दिल्ली में रहता हूँ। मेरी शादी को ६ साल हो चुके है और मेरा एक ५ साल का बच्चा भी है ! मेरी बीवी का नाम सोनू है और वो भी आज २५ साल की एक खूबसूरत युवती बन चुकी है।
हम दोनों हमेशा से ही कुछ नया करने की सोचते रहते हैं चाहे वो सामाजिक जीवन में हो या फिर यौन जीवन में !
एक बार हम दोनों हिमाचल घूमने गए हुए थे। वहा पर न जाने क्या हुआ, सोनू ने सोचा कि क्यों न आज खुले आसमान के नीचे ही सेक्स किया जाए। तब हम दोनों ने वही किसी पहाड़ी पर झाड़ी के पीछे डरते डरते सेक्स के खूब मज़े लिए वो भी बिल्कुल नंगे हो कर। फिर वही कहीं नदी के किनारे में सोनू ने बिल्कुल नंगी होकर अपनी नहाते हुए फोटो भी खिंचवाई। वो फोटो आज भी देखता हूँ तो उतेजित हो जाता हूँ। तब हमें ये डर नहीं लगता कि कोई हमें देख लेगा तो क्या होगा !
कई बार तो हमने अपनी बालकनी में भी सेक्स किया है बिल्कुल खुले में। एक बार हमें पड़ोस वाली भाभी ने देख लिया था ! उसने सोनू से कहा भी था पर सोनू ने कहा के हमें इस में ही मज़ा आता है !
एक बार रात को मैं सोनू की मस्त चुदाई कर रहा था। उस रात मैंने एक दो पैग लगा लिए थे इस लिए मुझे कुछ सरूर ज्यादा था, सोनू को भी मैंने एक पैग दिया था इस लिए वो भी आज कुछ ज्यादा ही मज़े दे रही थी। वैसे सोनू पीती नहीं है पर मेरे साथ कभी कभी चल जाता है।
सोनू को चोदते चोदते मैं उस से गन्दी गन्दी बातें भी कर रहा था। वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी। मैंने आज एक ब्लू फ़िल्म लगा रखी थी, उसको देखते देखते ही मैं सोनू को चोद रहा था।
जैसे जैसे फ़िल्म में हो रहा था वैसे ही सोनू और मैं कर रहे थे। सोनू कभी मेरा लंड चूसती तो कभी मैं उसकी चूत चाटता कभी मैं सोनू को घोड़ी बना कर चोदता तो कभी उसकी गांड को फाड़ता। आज पूरे मज़े ले लेकर हम चुदाई कर रहे थे।
तभी फ़िल्म में एक सीन आया उसमे एक आदमी एक लड़की को लंड चूसा रहा था और लड़की कुतिया की तरह खड़ी हो कर चूस रही थी। तभी एक दूसरा आदमी आया और उसी कुतिया के पोज़ में उसे चोदने लगा।
ये देख कर सोनू भी मेरा लंड चूसने लगी और अपनी चूत में उंगली करने लगी। बहुत देर तक करते रहने के बाद उसका हाथ थकने लगा तो उसने उंगली हटा ली !
ये देख कर मैंने कहा- क्या हुआ ! अगर ज्यादा ही मन है तो किसी दूसरे लंड का इन्तजाम करूँ क्या !
सोनू भी जोश में थी और चुदाई उस वक्त उस पर हावी हो चुकी थी। उसने कहा- क्यों नहीं कब से मेरी इच्छा है दो दो लंड लेने की, पर तुम सिर्फ़ अकेले ही चोदते हो, कभी तो दूसरा लंड लेकर आओ मेरे लिए !
हम अक्सर सेक्स करते हुए ऐसी बातें करते है इसलिए मैंने दुबारा उससे पूछा," तू ही बता दे ना तुझे किसका लंड चाहिए? जिसका तुझे पसंद होगा उसका ही दिला दूंगा तुझे !"
सोनू झट से बोल पड़ी," हाँ हाँ सुनील का लंड चाहिए मुझे उसका बहुत ही मोटा और तगड़ा है।"
"क्यों नहीं कल ही ले, तुझे सुनील के लंड से चुदवाता हूँ, वो ही कल तेरी चूत की चटनी बनाएगा।"
"पक्का ना?"
"पक्का ! पर एक शर्त है मेरे सामने चुदना होगा मैं यहाँ चुपचाप देखूंगा।"
"पर अगर तुम देखोगे तो मुझे दूसरा लंड कहा से मिलेगा?"
"तो क्या हुआ एक और मर्द बता दे जिससे चुदने की इच्छा है। "
"हाँ हाँ दीपक का भी लंड बहुत मोटा है।"
हम दोनों ऐसे ही बात करते जा रहे थे, तभी मैं झड़ गया तो मैंने अपना लंड हटा लिया और साफ़ करके सो गया।
सुबह सब कुछ सामान्य था। मैं नाश्ता करके ऑफिस चला गया। ऑफिस में दिन में अचानक सोनू का फ़ोन आया," मनु कहाँ हो? अभी घर आ सकते हो ?
मैंने पूछा- क्यो?
बहुत मन कर रहा है!
"शाम को आ कर चोदता हूँ ना"
"नहीं अभी आओ वरना में सुनील दीपक को बुला रही हूँ "
"बुला लो"
ऐसा कह कर मैंने फ़ोन रख दिया।
मैं सोचने लगा कि क्यों न इस बार ये भी करके देखा जाए, इस में बुरा ही क्या है, सुनील और दीपक मेरे दोस्त है और दोनों भी शादी शुदा है अगर दोनों उसे चोद भी देंगे तो घर की बात घर में रहेगी और वो दोनों भी अपनी बीवियों के डर से किसी को नहीं बताएँगे और मेरे और सोनू के लिए ये नया यौनानुभव होगा।
ये सोच कर मैंने सोनू को दोबारा फ़ोन किया और कहा कि आज शाम को दीपक और सुनील को घर पर दारू पार्टी के लिए बुलाओ।
"क्यों आज सही में इरादा है क्या मुझे दो दो से चुदवाने का "
"हाँ सोच तो ऐसे ही रहा हूँ "
"सोच लो अगर उनके लंड ने मेरी चूत की प्यास बुझा दी तो उनके लंड का स्वाद ही न लग जाए मुझे"
"कोई बात नहीं मेरी जान चूत की प्यास बुझाना कोई ग़लत नहीं है अगर पति न सही तो पति के दोस्त ही सही।"
तब थोड़ी देर में ही सही पर सोनू मान गई उन दोनों से एक साथ चुदने को।
पर मैंने उसको एक शर्त भी बता दी कि उन दोनों को पता नहीं चलना चाहिए कि मैं भी तुम्हें चुदाई करवाते देख रहा हूँ और सोनू का ही काम है उन दोनों तो तैयार करना चोदने के लिए। सोनू इस के लिए तैयार हो गई।
सब कुछ योजना के अनुसार हुआ। सोनू ने उन दोनों को खाने के बहाने घर पर बुलाया और मैं पहले ही आकर अपनी जगह पर छुप गया। ठीक शाम के ७ बजे दोनों घर पर आ चुके थे। दोनों अपने साथ एक व्हिस्की की बोतल भी लाये थे। दोनों वहीं सोफे पर बैठ कर फ़िल्म देखने लगे। मेरा इंतज़ार करते करते आधा घंटा हो गया तो दीपक से नहीं रहा गया तो उसने मुझे फ़ोन मिला दिया। पर मैं अपना फ़ोन पहले ही बंद कर चुका था। दीपक ने सोनू से पूछा कि आज मनु का फ़ोन नहीं मिल रहा है क्या बात है?
सोनू ने कहा "अरे हाँ मैं तुम्हें बताना भूल गई थी कि मनु का फ़ोन आया था और वो कह रहा था आज वो लेट आएगा"
"यार ये मनु भी न बहुत ही अजीब है हमेशा ऐसे करता है अब बताओ हमारी दारू पार्टी का क्या होगा हम तो पूरी बोतल ले आए हैं" सुनील बोला
"कोई बात नहीं मैं दिनु और पप्पू को भी बुला लेता हूँ हम चारो मिल कर इसे ख़तम कर देंगे"
सोनू ने ये सुना नहीं कि वो दिनु और पप्पू को भी बुला रहे है वो भी मेरे ही दोस्त हैं।
सोनू ने भी अपनी पूरी तैयारी कर ली थी। वो आज अपने पूरे बदन की वैक्सिंग करा कर आई थी। चूत पर से सारे बाल साफ़ करवा कर बिल्कुल उसे चिकनी कर के बिल्कुल दो दो लण्डों से चुदने को बेताब थी !
सोनू ने अपनी सबसे सेक्सी ब्रा पैंटी का सेट पहना और उसके ऊपर एक घुटनों तक स्कर्ट और उसके ऊपर एक नीचे गले का टॉप। कसम से इतनी सेक्सी वो तब बन कर नहीं आती जब मैं उसे चोदता हूँ पर कोई बात नहीं आज उसे दो दो लंड चोदने वाले थे !
तब तक सुनील और दीपक ने दारू पीनी शुरू कर दी थी। सोनू भी उनके बगल वाले सोफे पर जा कर बैठ गई। टॉप में उसके चुचे बाहर आने को मचल रहे थे। घुटने तक की स्कर्ट में उसकी गोल गोल जांघे दिखने का आभास दे रही थी। मैं देख रहा था कि सुनील उसे चुपचाप देखे जा रहा था वो उसकी जांघो को ही देखे जा रहा था। सच में वो सोच रहा होगा काश इन दो जांघों के बीच की जगह पर वो लेटा होता ! दीपक भी कम नहीं था वो भी सोनू के बदन को देखे जा रहा था जैसे कह रहा हो काश आज सोनू की गोल गोल मोटी गांड के पीछे से झटके मारता रहूँ।
दोनों ने दो दो पैग लिए और तीसरा बनाने लगे। तभी सोनू कहने लगी- मैं तुम दोनों के लिए और कुछ खाने को लाती हूँ। सोनू किचन से कुछ लेकर आई तो जब मेज़ पर झुक कर रखने लगी तभी उसके मोटे मोटे चुचे उसके टॉप से बाहर आने को मचलने लगे। सुनील और दीपक आँखें फाड़ कर उसके चूचों को खा जाने वाली नजरों से देखने लगे।
सोनू फिर वही बैठ गई और अपनी टांगें सोफे पर ऊपर कर के बैठ गई। ऐसा करते हुए उसकी थोडी सी जांघो के दर्शन उन दोनों को हो गए। अब तो उन दोनों को वहा बैठना बहुत ही भारी लगने लगा ! मैं समझ गया कि सोनू का दांव बिल्कुल ठीक बैठा है। अब वो दोनों भी समझ गए थे कि सोनू क्या चाहती है !
सुनील उठा और सोनू के पास जा कर बैठ गया और ऐसे ही बोला- और बताओ सोनू आज कल क्या चल रहा है ! और ऐसा कहते कहते सोनू की जांघो पर हाथ रख दिया और धीरे धीरे उसकी जांघो को मसलने लगा। दोनों ऐसे ही बात करते रहे तो दीपक से नहीं रहा गया और वो भी उठ कर सोनू के बगल में आ गया और उसकी दूसरी जांघ पर हाथ रख दिया।
अब तक सब कुछ साफ़ हो चुका था कि सब क्या चाहते हैं इसलिए सोनू ने भी देरी न करते हुए अपना हाथ बढ़ाते हुए सुनील की जिप पर अपना हाथ रखा और उसे खोलने लगी और अपने दूसरे हाथ से दीपक के लंड को दबाने लगी। तब तक सुनील का लंड बाहर आ चुका था। सच में काफी बड़ा लंड था उसका। पता नहीं उसकी बीवी बबली उसे कैसे झेलती होगी। तब तक सोनू दोनों के लंड अपने हाथ में ले चुकी थी।
मैं बाहर से उन तीनों का यह जवानी का खेल देख रहा था। मेरी बीवी मेरे सामने ही मेरे दोस्तों से चुद रही थी इससे बड़ी ब्लू फ़िल्म मेरे लिए और क्या होगी।
सोनू उन दोनों का लंड बारी बारी से चूस रही थी कभी सुनील का लंड मुँह में लेती तो कभी दीपक का। सुनील सोनू का टॉप उतार चुका था काले रंग की ब्रा में सोनू के मोटे मोटे चूचे क़यामत ढा रहे थे।
दीपक भी सोनू की स्कर्ट ऊपर उठा कर नीचे पैंटी के दर्शन कर रहा था। तभी सोनू ने उसे कहा," ये क्या कर रहे हो? यहाँ पर मैं तुम्हें फुल टॉस दे रही हूँ और तुम सिर्फ़ उसे क्लिक कर रहे हो ! आजा दीपक आजा दीपक आज अपनी भाभी की जवानी का मज़ा जी भर कर ले ले उतार दे ये "
दीपक भी गरम हो चुका था पहले दीपक ने अपने कपड़े उतारे और बिल्कुल नंगा हो कर सोनू के सामने पहुँच गया।
"अरे वाह तेरा तो बहुत ही मोटा और लंबा लग रहा है? आज तू भाभी की चूत को बुरी तरह फाड़ने आया है क्या?"
सुनील भी तब तक नंगा हो चुका था उन दोनों ने फिर मिलकर सोनू की स्कर्ट उतारी और सुनील ने सोनू की ब्रा उतारी दीपक ने पैंटी नीचे खींच दी !
अब तीनों बिल्कुल नंगे हो कर एक दूसरे को लगातार किस किए जा रहे थे सोनू एक हाथ से कभी सुनील का लंड पकड़ती और कभी दूसरे हाथ से दीपक का लंड मुँह में लेती।
मुझे ये सब देख इतना मज़ा आया कि मैं वहीं मुठ मारने लगा।
अन्दर तब तक सोनू दोनों को बेड तक लेकर आ चुकी थी। वहाँ पर सोनू कुतिया की तरह पोज़ बना कर सुनील का लंड अपनी चूत में ले चुकी थी दीपक उसे अपना लंड चुसाये जा रहा था।
तभी बाहर बेल बजी सोनू घबराहट में उठी और बोली- अब कौन आ गया मज़े ख़राब करने?
दीपक ने कहा- शायद मनु आया होगा !
नहीं वो अभी नहीं आएगा !
तो फिर कौन आया होगा !
"दिनु और पप्पू होगे मैंने उन्हें फ़ोन कर बुलाया था"
"ये क्या कर दिया अब ले लो मज़े मेरी जवानी के !" सोनू बोली, " अभी तो फ़िल्म भी शुरू नहीं हुई है और तुमने इंटरवल कर दिया !"
"तो क्या हुआ मेरी रानी जहाँ हम दो दोस्त हैं वहाँ वो दो और सही आज पूरे मज़े ले ही लो तो अच्छा है" सुनील बोला।
सोनू ने भी सोचा हाँ क्यों न ये भी सही जहाँ दो पराये मर्दों से चुद रही हूँ वहा दो और आ जाएँगे तो क्या ग़लत है ! चलो फिर बुला लो उस दोनों को भी !
दीपक बाहर जा कर उन दोनों को अन्दर ले आया। अंदर आते ही वो सब कुछ समझ गए जब उन्होंने सुनील और सोनू को नंगा देखा।
"आ जाओ मेरे राजाओ नंगे हो कर तुम भी शामिल हो जाओ मेरी चूत और गांड की सवारी में "
"साली कब से चाहता था तेरी नंगी चूत को चोदना ! आज तो जी भर कर चोदूंगा रात भर चोदूंगा " दिनु अंदर आते ही नंगा होकर बोला।
पप्पू भी जोश में नंगा होकर बिस्तर पर आ गया अब मेरी बीवी बिल्कुल नंगी होकर चार नंगे मोटे मोटे लंड वाले मर्दों के बीच में चुदाई की कबड्डी खेलने को बिल्कुल तैयार लेटी थी। सबसे पहले दिनु ने अपना लंड उसकी प्यासी चूत में आधा अंदर घुसा दिया।
"आहा मर गई दिनु कुत्ते ह्ह्ह्ह्ह् क्या मोटा लंड है तेरा कुत्ते "
"आज पप्पू तू भी अपना लंड पकड़वा ! सबका चख लिया तेरा कैसा है तू भी चखा ना "
सोनू पप्पू का लंड चूसने लगी।
"नहीं ऐसे मज़ा नहीं आएगा मुझे सब लंड एक साथ चाहिए अलग अलग नहीं !" सोनू पुरे जोश से बोली।
कुतिया बन रही हूँ, जिसको जहाँ जो छेद मिले वहीं अपना लंड घुसा दो जल्दी"
सोनू कुतिया की तरह पोज़ लेकर उन चारों के बीच में आ गई।
दिनु उसके नीचे आ गया और सोनू को अपने ऊपर ले लिया और उसकी चूत में अपना लंड घुसा दिया।
सुनील उसकी गांड के पीछे आ गया और अपना लंड उसकी गांड में धीरे से रख कर अन्दर धकेल दिया।
पप्पू ने भी अपना लंड उसके मुँह में डाल दिया।
अब दीपक बचा था, दीपक का लंड सोनू ने अपने हाथ में ले लिया और कहा," कोई बात नहीं दीपक आज तेरी मुठ मैं ही मारूंगी, इन तीनों में से जो भी पहले झड़ेगा उसके बाद तू आ जाना !
चारो अब शुरू हो गए," अआः अह्ह्ह्छा मर गई सालो ! कमीनो ! मार डाला आज तुमने सोनू को !"
"उईईइ उईईई अहा आ या क्या बात है चार चार लण्डों के बीच में अकेली चूत अह्ह्ह
"फाड़ दे दिनु आज चूत को जी भर के फाड़ पप्पू गांड को आज बिल्कुल मत छोड़ना गांड का कुआं बना दे आज !"
"आ जाओ ! आ जाओ ! सुनील दीपक ! तुम्हारी लंड की खुजली को ख़तम करूँ बारी बारी से चूस कर !"
"अहाआया मज़ा आ गया !"
"और जोर से छोड़ मुझे दिनु हरामजादे कभी चूत नहीं मारी क्या !"
"सुनील गांड फाड़ दे !"
बड़ी देर तक चारों बदल बदल कर सोनू की चूत गांड को फाड़े जा रहे थे। चारों जब झड़ गए तब भी थोड़ी देर रुकने के बाद एक एक पैग लगा कर फिर से मैदान में आ जाते।
और क्यों न आते आज उन्हें सोनू की चुदाई का सुख जो मिल रहा था।
फिर न जाने कब तक वो चुदाई करते रहे पर सोनू का जी नहीं भरा पर जाना भी था।
अगली बार सब वादा कर गए कि वो अगली बार ६ दोस्त एक साथ उसे चोदेंगे।
मैं भी सोच रहा था कि ६-६ के लंड सोनू कैसे लेगी पर सोनू तैयार थी अगली चुदाई के लिए !

सुहागरात दोस्त की बीवी के साथ

कीर्ति और मैं एक दूसरे के साथ काफी घुल मिल गये थे। और सिद्धार्थ को भी मेरे और कीर्ति के ऊपर कोई भी शक नहीं था क्योँकि वह कीर्ति का दीवाना था। लेकिन सिद्धार्थ के ओफिस के कारण सिद्धार्थ को ज्यादा बाहर ही रहना पड़ता था। इस बात का फायदा मुझे और कीर्ति को मिलता था। एक बार कीर्ति के भाई की शादी थी और सिद्धार्थ शहर से बाहर था तो सिद्धार्थ ने फोन पर कहा कि अमित अपनी भाभी को उनके घर तुम लेकर चले जाना और मैं सीधे ही वहाँ पर आ जाऊँगा। तो मैने पूछा कि कब जाना है तो सिद्धार्थ ने कहा कि तुम चार दिन पहले जाओगे। फिर तो मैं भी आ जाऊँगा। यह सुनकर मैंने हाँ कह दी।
दो दिनों के बाद मैं और कीर्ति दोनों कीर्ति के मायके के लिए निकले और फिर उनके घर पर सभी ने हमारा स्वागत किया और कीर्ति ने मुझे अपने कमरे के बराबर वाला ही कमरा दिया। मेरे कमरे में टायलेट अटैच था। और कीर्ति के कमरे में टायलेट अटैच नहीं था। तो कीर्ति की भाभी ने कहा कि अमित जी और कीर्ति तुम दोनों नहाकर आ जाओ। फिर मार्किट चलेंगे। फिर कीर्ति ने कहा कि मैं नहा लेती हूँ और अमित जी फिर आप नहा लेना। मैंने कहा कि ठीक है आप नहाओ और मैं अपना सामान कमरे में रखता हूँ घर में शादी की वजह से कीर्ति मेरे कमरे में नहाने चली गयी और मैंने अपना सामान कमरे में रखना शुरू कर दिया।
कीर्ति नहा कर बाहर निकली तो कीर्ति ने अपने शरीर पर केवल तौलिया ही लपेट रखा था और उसके बाल गीले थे। उस समय कीर्ति को देखकर मेरे मन में कीर्ति की चूत मारने की इच्छा होने लगी।
मैंने कीर्ति को देखकर कहा- कीर्ति ! मेरी इच्छा हो रही है !
कीर्ति ने कहा- अमित रात तो होने दो !
मैने कहा- रात में कैसे करेंगे?
तो कीर्ति ने कहा- मैं सब देख लूंगी।
कीर्ति के चूतड़ों से नीचे तक के लम्बे बालों को देखकर मैं और भी उत्तेज़ित होता जा रहा था। इस बीच मैंने कीर्ति को पकड़कर उसके होंठों को चूम लिया तो कीर्ति ने कहा कि बस कोई आ जायेगा।
मैंने अपने कमर का दरवाज़ा बन्द कर दिया। कीर्ति ने मना किया तो मैने कहा कि कुछ नहीं करूँगा, बस एक बार तुम्हें नंगा देखना चाहता हूँ। मैंने उसके शरीर से तौलिया हटा दिया। कीर्ति की चुच्ची एक दम पहा्ड़ की तरह खड़ी थी। फिर मैं कीर्ति की चुच्ची को चूमने लगा और कीर्ति के मुँह को भी चूमा। कीर्ति भी गर्म होने लगी और उसने मेरे मुँह में अपनी जीभ घुमानी चालू कर दी। फिर मैने कीर्ति को वहीं बैड पर लिटा दिया और उसके पूरे शरीर को चूमने लगा।
अब कीर्ति भी सब कुछ भुलती जा रही थी। मैने उसकी चूत पर अपने लण्ड की गर्मी को महसूस करवाया तो कीर्ति ने कहा- अमित जल्दी जल्दी कर लो और जो कमी रह जायेगी रात को पूरी कर लेना !
फिर मैं कीर्ति की चूत में अपने लण्ड को आगे पीछे करने लगा और मेरी रफ़्तार बढ़ती ही जा रही थी। २०-२५ झटको में ही मेरा वीर्य कीर्ति की चूत में चला गया और बाहर भी नहीं आया तो मैंने कीर्ति से कहा- आज वीर्य बाहर नहीं निकला।
उसने कहा- मेरा मासिक धर्म से दो दिन पहले ही बन्द हुआ है !
मैंने कहा- फिर?
तो कीर्ति बोली- कोई बात नहीं मै तुम्हारे ही बच्चे की माँ तो बनूँगी, और क्या होगा।
फिर मैंने कीर्ति को चूमा और बाहर आ गया। कीर्ति और मैं तो पहले से ही पति-पत्नी के ही तरह रहते थे। मैंने उसकी मांग भी भरी थी और मंगलसूत्र भी पहनाया था। इस कार्य करने के पश्चात सेक्स करने का मजा ही कुछ और आता है। कीर्ति और मैं अकेले होने पर चूमा-चाटी और मैं उसकी चुच्ची दबा लिया करता था। अब मैं कीर्ति को प्यार करने लगा था। और कीर्ति भी मुझे सिद्धार्थ से ज्यादा प्यार करती थी। सिद्धार्थ उसकी मजबूरी बन गयी थी। लेकिन हमें अभी कोई भी परेशानी नहीं थी।
हम अपना काम करके बाहर आए और मार्किट के लिए गए तथा मार्किट का काम करके वापिस घर आ गये। उस रात को मैंने और कीर्ति की दो बार चूत मारी।
अगले दिन कीर्ति के घर वालों को मार्किट जाना था तो कीर्ति के भाभी जिनका नाम श्वेता था, उन्होने कहा कि अमित जी, कीर्ति ! मार्किट चलना है? तो मैंने कहा कि मेरा मन नहीं है।
श्वेता ने कहा- ठीक है कीर्ति तुम चलो।
कीर्ति ने कहा- भाभी ! कल ही काफी थक चुकी है आज मेरी तबियत भी ठीक नहीं है तो आप और घर वाले ही चले जाओ।
इसके बाद सभी मार्किट के लिए बाहर निकले। उनके बाहर जाते ही मैंने कीर्ति को अपनी बाहों में भरकर चूमा, उसकी चुच्ची को दबाने लगा और मैंने उसके कमीज के सारे बटन खोल दिये और वह ऊपर से सिर्फ़ काले रंग की ब्रा में ही थी और मैं उसको किस किये जा रहा था।
कीर्ति ने कहा- दरवाजा तो बन्द कर लो कोई आ जायेगा !
तो मैंने कहा कि सभी तो मार्किट गये है कोई नहीं आयेगा।
मैंने इतना कहा ही था कि कीर्ति की भाभी श्वेता हमारे सामने खड़ी थी। श्वेता को देखकर हम दोनो पागल हो गये।
श्वेता थोड़ी देर देखकर बोली- कीर्ति यह क्या है?
कीर्ति ने कहा- भाभी प्लीज़ ! आप यह किसी को भी नहीं बताना नहीं तो कहा बात बिगड़ जायेगी !
श्वेता ने कहा- सिद्धार्थ तुमारे साथ सेक्स नहीं करते क्या?
कीर्ति ने कहा कि वह तो ज्यादातर घर के बाहर ही होते हैं और मेरा मन भी करता है और मुझे अमित काफी अच्छा लगता है, मैं अमित को प्यार करती हूँ । अमित मुझे पूरा सेक्स का मजा दिलाता है सिद्धार्थ के मुकाबले अमित बहुत अच्छा सेक्स करता है।
तो श्वेता ने कहा- अमित ! तुम मेरी ननद के साथ कैसे सेक्स करते हो जो कीर्ति ने सिद्धार्थ को भी नहीं देखा।
मैने कहा- भाभी गलती हो गयी अब माफ भी कर दो।
तो श्वेता ने कहा कि आज मुझे भी दिखाओ कि तुम सेक्स कैसे करते हो?
मैंने कहा कि मैं यह नहीं कर पाऊँगा।
कीर्ति ने कहा- भाभी आप यह क्या कह रही हो?
मैं अमित से प्यार करती हूँ !
श्वेता ने कहा- कीर्ति तुम तो मजा लेती हो, आज मुझे भी मजा लेने दो, तुम्हारे भाईया भी सेक्स का मजा नहीं दे पाते हैं।
कीर्ति को कुछ बुरा लगा। लेकिन श्वेता की बात सुनकर मेरा मन श्वेता की चूत मारने का होने लगा। तो मैं कीर्ति को एक कमरे में ले गया और कहा कि कीर्ति देख ! तुम्हारी भाभी ने हमें देख लिया है और वह किसी को कुछ बता न दे इसलिए हमे श्वेता के साथ भी काम करना होगा और शादी के बाद हमें यहाँ से चले ही जायेंगे। कीर्ति ने थोड़े गुस्से से ही हाँ की। कीर्ति मुझे अपने पति के तरह मानती थी इसलिए कीर्ति मुझे अपनी भाभी के साथ सेक्स करते नहीं देखना चाहती थी। लेकिन कीर्ति की मजबूरी थी और मेरी इच्छा पूर्ति।
हमने कहा- ठीक है आज रात को।
तो श्वेता ने कहा कि अभी।
और श्वेता बाहर गयी और घर के सदस्यों से बोली कि मुझे घर पर ही कुछ काम है आप लोग चले जाओ।
तो उन्होंने कहा कि हम रात तक ही आयेंगे, खाना बना लेना।
इसके बाद सभी चले गये। मैं और श्वेता उसके बैडरूम में गये और श्वेता ने कहा कि अभी रूको मैं आती हूँ। तब कीर्ति थोड़ी गुमसुम थी, मैंने कीर्ति को किस किया और कहा कि दो तीन दिन की बात है फिर हम और तुम ही है।
थोड़ी देर में श्वेता आई और कीर्ति बाहर चली गई।
मैंने श्वेता से कहा- भाभी जी ! तो श्वेता ने कहा कि मुझे श्वेता कहकर बुलाओ।
तो मैने कहा- ठीक है। फिर श्वेता को मैने उठाकर बैड पर लिटा दिया और मैं उसके शरीर के ऊपर आ गया। उसने लालं रंग की लिपस्टिक लगाई हुई थी। मैं उसके लाल लाल होंठों पर जोर से किस करने लगा उसकी होंठों की लपस्टिक मेरे होंठों पर भी लग गई। और मैने उसके मुँह में अपनी जीभ चारों तरफ घुमानी शुरू कर दी। श्वेता का शरीर ऊपर नीचे हो रहा था। मैं उसके बलाऊज के ऊपर से ही उसकी चुच्ची को दबाने लगा और अपने मुंह में लेने लगा, तो श्वेता बोली कि कीर्ति सच्ची कह रही थी कि तुम सेक्स अच्छा करते हो। तुमने तो बिना चूत मारे ही मुझे गीला कर दिया।
उसके बाद मैने धीरे-धीरे श्वेता की साड़ी को खोल दिया और श्वेता ने मेरे सारे कपड़े उतार दिये। अब श्वेता बलाऊज और पेटीकोट में ही थी। फिर मैंने उसके बलाऊज भी उतार दिया और ब्रा के ऊपर से ही उसकी चुच्ची को चूमने लगा। उसकी ब्रा में से भी उसकी चुच्ची का ऊपर का हिस्सा बाहर आ रहा था मैने उसको भी चूमा और उसकी ब्रा को भी खोल दिया तो श्वेता बोली कि अमित अब रहा नहीं जा रहा जल्दी करो।
तो मैने कहा- श्वेता अभी तो काफी समय है। उसके बाद उसके पेटकोट का नाड़ा भी खोल दिया। फिर मैं उसके शरीर को चूमने लगा मैने श्वेता से कहा कि तुम मेरे लण्ड को अपने मुँह में लेना चाहोगी?
उसने कहा- क्यों?
मैने कहा कि सेक्स में अच्छा लगता है और शरीर में गर्मी आती है।
तो उसने कहा ठीक है। मैं उसके मुँह में अपने लण्ड को आगे पीछे करने लगा तो उसे भी आनन्द आया तो श्वेता बोली कि क्या कीर्ति भी इस तरह सेक्स करती है?
तो मैने कहा कि कीर्ति मेरी पत्नी की तरह है और सभी प्रकार से सेक्स करती है। उसके बाद मैने श्वेता से कहा कि मैं तुम्हारी गाँड मार सकता हूँ?
तो उसने कहा- दर्द होगा।
मैने पूछा- तुमने पहले गाण्ड मरवायी है क्या?
उसने कहा- नहीं।
तो मैने कहा कि आज मैं तुम्हें ग़ाण्ड मरवाने का मजा देता हूँ।
फिर मैने कीर्ति को अवाज लगाई और कहा- कीर्ति ! जरा तेल लेकर आ जाओ।
कीर्ति तेल लेकर आयी तो कीर्ति नाराज नहीं थी। मैने कीर्ति से कहा कि तुम भी यहीं पर रहो।
उसने कहा- मैं खाना बना लेती हूँ, इतने तुम भाभी के साथ काम करो। फिर हम दोनों आराम से करेंगे।
मैंने कीर्ति के होंठों पर किस किया और उसकी चुच्ची को हल्के से दबाया। उसके बाद कीर्ति किचन में चली गयी।
श्वेता के चूतड़ काफी बड़े और गोरे थे। मैने उसके चूतड़ों पर हल्के हल्के हाथ घुमाना शुरू कर दिया और श्वेता को आनन्द आने लगा। श्वेता ने मेरे लण्ड पर काफी तेल लगाया, मैने श्वेता के गाडं के छेद पर तेल लगाया, उसको कुतिया की तरह बैठाया। उसकी गाण्ड के छेद पर अपना लण्ड लगाया और लण्ड उसकी गाण्ड में जगह बनाता हुआ अन्दर जाने लगा लेकिन श्वेता को काफी दर्द हो रहा था।
उसने कहा- काफी दर्द हो रहा है लेकिन तुम करते रहो।
अब मेरा पूरा लण्ड उसकी गाण्ड में था। फिर मैं धीरे-धीरे अपने लण्ड को बाहर निकालता और फिर अन्दर करने लगा। और रफ़्तार बढ़ने लगी। २०-२५ झटको के बाद श्वेता बोली कि अमित अब सहन नहीं होता, अब मेरी चूत में डालो।
फिर मैने उसे सीधे लिटाया और मैने श्वेता से कोंडम के लिए कहा तो उसने कहा कि मैंने पहले से ही रखा है। उसने मेरे लण्ड को मुँह में लिया और जब लण्ड पूरा टाईट हो गया तो उसने डोट वाला कोडम मेरे लण्ड पर लगा दिया। फिर मैंने उसकी चूत में लण्ड डाल दिया। मेरा लण्ड आसानी से उसकी चूत में चला गया क्योंकि उसकी चूत पहले से ही गीली हो गई थी। मैं उसकी चुदाई करता रहा। और उसके बाद २५ मिनटो तक पूरा कमरा छप छप की आवाज से गूंजने लगा और फिर मैं झड़ गया तब तक श्वेता भी लगभग तीन बार झड़ चुकी थी।
श्वेता ने तुरन्त ही कोंडम को उतार दिया और मेरे लण्ड को अपने मुँह में लेकर साफ किया उसका लण्ड साफ करना था और मेरा लण्ड फिर से चूत मारने के लिए तैयार हो गया।दूसरी औरतों के साथ काम करने में मजा भी कुछ ज्यादा ही आता है ना
फिर मैने उसे कहा कि श्वेता तुम कुतिया की तरह बैठ जाओ। तो श्वेता ने कहा कि अभी तो रूक जाओ। मैने कहा कि नहीं तो वह बैठ गयी। मैने एक ही झटके में श्वेता की चूत लंड डाल दिया। और २०-२५ मिनटों तक चोदता रहा श्वेता को। उसके बाद फिर कीर्ति आ गई।

मेरा पहला सेक्स

बात तब की है जब मुझे नेट का बड़ा चस्का होता था, मैं रोज़ नेट पर बात करता रहता था, रात को रोज़ अपना लौड़ा शान्त करने के लिए मूठ मारता था।
एक दिन नेट पर एक लड़की से मेरी बात हुई। मैंने उससे अपनी फोटो भेजी। वो भी काफ़ी खूबसूरत थी, रोज़ हमारी बात होती। वो भी दिल्ली में ही रहती थी। थोड़े दिनों में हमारी बातचीत खुली हो गयी। अब वो मुझसे मिलना चाहती थी।
फिर हम एक दिन साउथ एक्स में मिले। वो मुझे बहुत पसंद करने लगी, फिर मुलाकातें बढ़ने लगी, कभी कभी हम छोटी मोटी किस कर लेते थे, फिर एक दिन मुझे उसने अपने घर बुलाया। मैंने देखा उस के घर पर कोई नही था, मैंने बेल बजाई वो बाहर आई, उसने सेक्सी सा लाल रंग का गाउन पहना था और आज़ बहुत माल और बहुत सेक्सी लग रही थी।
मैं उस के घर के अंदर गया उस का घर ठीक ठाक था। मैं सोफे पर बैठ गया और वो मेरे लिए चाय बनाने चली गई, अंदर से कुछ आवाजें आ रही थी। मैंने सुना तो उसकी और एक सहेली उस के घर पर थी वो थोड़ी मोटी थी लेकिन मॉल थी, ज़ींस और टॉप पहन रखा था उसने, वो मेरे पास आई।
वो दोनों मेरे पास आकर बैठ गई। सिमरन ने अपनी सहेली का परिचय करवाया। मेरी गर्लफ्रेंड मुझे कोई बात बताने के लिए उठने के लिए बोला, मैं उठ के उसके पीछे गया वो वाशरूम की तरफ़ जा रही थी, अंदर आते ही उस ने मुझे पकड़ लिया और किस करना स्टार्ट कर दिया, थोड़े देर बाद मैंने भी उसे दबाना शुरू कर दिया, वो गरम हो गई थी। मैंने आज पहली बार उस का मूमा उस के गाऊन से बाहर निकाला और किस करना शुरू कर दिया।
उस ने मेरे मुँह पर हाथ रख कर बोला कि मेरी सहेली का कोई बोयफ़्रेन्ड नहीं है वो भी तुम से आज मिलना चाहती है और मैं भी, मैं समझ गया कि दोनों आज चुदना चाहती है। मैंने कहा ठीक है।
मेरा लौड़ा खड़ा हो रहा था उन दोनों को देख कर। हम बाहर आए तो सिमरन ने बोला कि चलो मेरे कमरे में चलते हैं। हम उसके कमरे में चले गए और अंदर जा कर मैं बेड पर बैठ गया, वो दोनों खड़ी थी। सिमरन ने आकर मेरे ऊपर बैठ कर मुझे किस करना शुरू कर दिया लेकिन ज्योति शरमा रही थी, वो मेरे पास आकर बैठ गई, मैंने सिमरन का गाऊन उतार दिया और उसके बूब्स पर किस करने लगा और सिमरन ज्योति को किस करने लग गई, मेरा लौड़ा पूरा खड़ा हो गया था।
कुछ देर बाद मुझे लगा कोई मेरी पेंट की जिप खोल रहा है वो ज्योति थी, उसने भी अपने कपड़े उतार दिए थे, उस ने मेरा लौड़ा बाहर निकल लिया, वो देखते ही डर गई, सिमरन ने भी मुड़ कर देखा और नीचे उत्तर गई और मेरे लौड़े को ध्यान से देखने लगी। दोनों देख कर डर गई थी कि इतना लंबा हम कैसे ले पायेगी।
मैंने दोनों के बाल पकड़े और लौड़े पर चुप्पे करवाए दोनों मस्त हो कर चूसने लग गई......
कुछ देर बाद मैं सिमरन को अपने ऊपर बुला कर उसकी चूत चाटने लग गया वो सिसकियाँ लेने लगी- आआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह चूसो मुझे, चूसो ज़ोर से, उसकी आवाजें सुन के मैं भी मदहोश होने लगा। उधर से ज्योति मेरे लौड़े को पूरा अंदर लेने की कोशिश कर रही थी। मुझे मज़ा आ रहा था।
मैंने ज्योति को अपने कपड़े उतारने के लिए कहा। अब हम तीनो नंगे थे। सिमरन चिल्लाने लगी कि मुझे चोद दो प्लीज़, अब नहीं रहा जा रहा !
मैंने उसे अपने लौड़े पर बिठाया और उसकी चूत पर अपने लौड़े को टिका कर ज़रा सा अंदर किया, वो अंदर चला गया। मुझे लगता है वो पहले किसी से चुद रखी थी पर कोई बात नहीं।
मैंने ज्योति को देखा, वो शरमा रही थी मैंने उस के मम्मे पीने शुरू किए उससे मज़ा आने लगा, अब मैं उसकी चूत पर उंगली फ़िराने लग गया.....
उधर से सिमरन ज़ोर ज़ोर से मेरे लौड़े पर झटके मार रही थी और आवाजें निकाल रही थी आ आआआ आआआआःह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आआः मर गई थोड़े देर में ही वो झड़ गई और मेरी बगल में आकर लेट गई। मैं ज्योति की चूत चाट रहा था, उसकी चूत बहुत स्वादिष्ट थी, मज़ा आ रहा था, पूरी टाईट थी ... मेरी जीभ से भी उसे मज़ा अ रहा था, वो चूतड़ हिला हिला कर चटवा रही थी।
मैंने उसे थोड़े समय बाद घोड़ी बनाया और अब सिमरन फ़िर से मूड में आ गई थी, वो भी साथ में डोगी स्टाइल में आ गई मैंने पहले ज्योति की चूत पर थोड़ा थूक लगाया और अपना लौड़ा उस की चूत पर रखा, थोड़ा सा झटका दिया, उस की चीख निकल गई, उसकी चूत से खून निकलने लग गया। वो रोने लग गई। मैं थोड़ा रुका फ़िर मैंने थोड़ा झटका मारा और उस के बूब्स पकड़ लिए और दबाने लग गया उससे मज़ा आने लगा। मैंने अपने झटकों को बढ़ा कर पूरा लौड़ा अंदर डाल दिया. वो मज़े से अपनी गाण्ड हिलाने लग गई।
थोड़े समय बाद मैंने सिमरन की गांड पर अपना लौड़ा टिकाया, और अंदर झटका मारा, एक झटके में ही वो मेरा लौड़ा अंदर ले गई, मैंने खूब दबा के अंदर झटके मारे, वोह मर गई .... आ आआ आआ आआःह्ह्ह्ह् मर गई बोलती रही और मैं पूरे ज़ोर से चोदता रहा...
अब ज्योति भी सीधी हो कर लेट गई। मैंने सिमरन की गांड के बाद ज्योति की चूत में डाला और उसे भी फ़िर से दबा के बजाया। अब मेरा आने वाला था। वो दोनों भी झड़ने वाली थी अब दोनों को बेड के कोने पर डोगी स्टाइल में किया। एक बार एक की चूत फ़िर दूसरी की चूत, दोनों की चूत मारी ..
अब ज्योति की चूत एक दम कस गई और वो झड़ गई, सिमरन ने फ़िर से अपनी टांगों के ऊपर बिठा कर चुदाया। अब वो खुद हिल रही थी अह्ह्ह्छ ........ आआआह ..........अह्ह्ह्ह दोनों मज़े मार रहे थे, ज्योति मेरे होंटों पर किस कर रही थी, सिमरन मेरे ऊपर झटके मारते मारते झड़ गई ..