Wednesday, April 22, 2009

किरायेदारों से चुदवाया

प्रेषिका : पायल

मैं एक शादीशुदा औरत हूँ। शादी से पहले मैं बहुत चुदी हुई लड़की थी। दसवीं क्लास से चुदवाने का ऐसा चस्का लगा कि अब में मर्द के बिना रहना सपने में भी नहीं सोचती। मर्द के बिना मेरा जिस्म मचलता है।

लो अब मुद्दे पे आती हूँ।

मेरी उमर सिर्फ़ २४ साल की है मैं अपने ससुराल में रहती हूँ, मेरी शादी राहुल मेहरा के साथ २-२-२००८ में हुई। मेरी शादी घरवालो ने एक अमेरिकन सिटिज़न लड़के के साथ की। सब जानते है पंजाब में बाहर के रिश्ते सभी ढूंढते हैं, शादी के बाद पति देव ३ महीने भारत में रहे, खूब मज़े किए, खूब चुदाई करवाई।

मेरी सासू माँ और ससुर जी दोनों सरकारी मुलाज़िम है ससुर जी भी और सासू माँ सरकारी टीचर। एक देवर है नागपुर में पढ़ाई करता है एक ननद है १९ साल की, वो भी ए कर रही है। सो दोस्तो मेरा ससुराल वाला घर अमृतसर के ख़ालसा कॉलेज के पास है वहाँ बाहर से लड़के पढ़ने आते हैं सो ससुर जी ने ऊपर वाला हिस्सा किराए पे दे रखा है।

मेरा घर बहुत सेफ है पूरी तरह बन्द, बड़ा सा मेन-गेट है। ३ लड़के किराए पे रहते हैं वो मुझे जब मिलते तभी वासना उनकी आँखों में दिखती वो मेरी जवानी देख रह नहीं पाते। पति के जाने के बाद मैं चुदने को बेचैन रहने लगी। फिर मैंने सोचा कि उनमें से एक लड़के को मैंने भी लाइन देनी शुरू कर दी। जब वो छत पे बैठे रहते, मैं कपड़े सुखाने के लिए जब जाती तो जानबूझ कर झुक कर उनको अपने मस्त गोल मोल मम्मे दिखाती। उनकी निगाहें भी मेरे मलाई जैसे मम्मो पे रहती। जब मैं उनके पास से निकलती, अपने होंठ चबा देती, गाण्ड मटका मटका के चलती। वो आहें भरते, कॉमेंट देते- क्या माल है यार !

उनकी ऐसी बातें मेरी प्यास और बढ़ा देती। आख़िर एक दिन ऐसा मिल ही गया। सास ससुर को किसी काम से मेरी बड़ी वाली ननद मिन्नी के घर जाना था। मिन्नी दिल्ली में रहती है, ननद के पेपर चल रहे थे, वो वैसे भी रोज़ ९ बजे चली जाती मेरी सासू माँ उन लड़कों को अपने बच्चों की तरह समझती और रोज़ सुबह उनके लिया चाय बनवा के भेजती इसीलिए उन्होने मुझे कहा कि तुम इनकी चाय बना दिया करना और आवाज़ लगा देना, ले जाया करेंगे।

अँधा क्या चाहे दो आँखें ! मैंने कहा- जी ठीक है !

अगली सवेर हुई, मैं जल्दी उठ जाती हूँ वैसे भी आज मुझे बन-फब के रहना था, सेक्सी कपड़े, मैंने गहरे गले का सूट पहन लिया वो भी नेट का, जिसके पीछे ज़िप। मैंने रजनी के जाने के बाद गेट बन्द कर रसोई से चाय बना के उनको आवाज़ लगाने की बजाए खु्द ही उपर चली गई, दरवाज़ा खड़काया तो उनमे से सुमित ने दरवाज़ा खोला मुझे देख वो खुश हो गया, बोला- भाभी आप ! चाय?

मैंने कहा- जी हाँ जनाब ! सासू मां मेरी ड्यूटी लगा के गई हैं !

उसने टी-शर्ट और नीचे सिर्फ़ कच्छा पहन रखा था मेरी नज़र बार बार उसके फ़ूले हुए आधे जगे लंड पे चली जाती।

वो बोला- भाभी ! क्या देख रही हो? कभी अपने पति को कच्छे में नहीं देखा?

मैं बोली- हट !

उसने चाय मेज़ पे रख दी और मेरी कलाई पकड़ मुझे अपनी तरफ खींच लिया और अपनी बाहों में ले लिया।

मैंने कहा- क्या कर रहे हो?

बोला- तुमने हमें बहुत तड़फ़ाया है, हम तीनो के लंड रोज़ खड़े करती हो, जानबूझ कर अपने मम्मे दिखाती हो, कभी होंठ काटती हो, कभी ज़ुबान होंठों पे फेरती हो ! इतनी गर्मी तो आपकी ननद रजनी में भी नहीं है ! कहते हुआ बोला- आज हम सब मिलकर चाय पीते है !

विकी उठा और उसने भी मुझे अपनी बाहों में ले लिया और बोला- आज मौका है, भाभी चुदवा लो ! हम जानते हैं तुम बहुत चुदासी औरत हो !

तभी राजू बोला- हाँ भाभी ! आज चोदने दो !

मैंने सोचा- तीन लड़के ! शादी से पहले दो लड़को के साथ एक बार में मैं सो चुकी थी, चूत गीली होने लगी और मैंने खुद को उन्हें सौंपते हुए विकी से चिपक गई।

तभी राजू ने मेरी सलवार का नाड़ा खोल दिया, मुझे पता नहीं चला। जब सलवार नीचे गिर गई, विकी ने पीछे से ज़िप खोलते हुए कमीज़ उतार दी। सुमित ने मेरी ब्रा खोल दी। मैं उनकी रज़ाई में घुस गई और वो भी रज़ाई में आ गए।

मैंने अंदर से हाथ डाल विकी और सुमित के लंड पकड़ लिए। राजू रज़ाई से बाहर खड़ा था, उसने अपना सोया हुआ लंड मेरे मुँह में डाल दिया। मैंने उसको चूस चूस के खड़ा कर दिया, लॉलीपोप की तरह चूस रही थी।

विकी बोला- रंडी सच में बहन की लौड़ी चुदासी है !

तभी उसने भी रज़ाई से निकलते हुए अपना आधा खड़ा लंड मेरे मुँह में डाल दिया, उसका खड़ा कर दिया, सुमित ने भी अब अपना लंड मेरे होंठों के पास लगा दिया और मैं बारी-बारी तीन लंड चूसने लगी।

वाह ! कितना मज़ा दे रही है साली ! तभी राजू बोला- चल साली टाँगे खोल ! चिकनी चूत चाटने दे !

वो मेरी चूत चाटने लगा।

आिइ उईईइ हा !

साथ साथ मेरी गाण्ड में उंगली करने लगा। सुमित का लंड मैं बिना रूके चूस रही थी।

तभी राजू ने मुझे कहा- घोड़ी बनो भाभी !

मैं घोड़ी बन गई। उसने कोल्ड क्रीम अपने लंड पे लगा के लंड मेरी गाण्ड में डाल दिया। हाए ! क्या किया ! इसको क्यूँ चोद रहा है?

बोला- मुझे गाण्ड मारनी पसंद है !

सुमित नीचे से मेरे स्तनों को चूस रहा था, कभी चूचुक को काट देता। विकी मेरे मुँह में डाल कर चुसवा रहा था, राजू ने अपना लण्ड मेरी गाण्ड से निकाल लिया और खुद सीधा लेट गया, मुझे कहा कि ऊपर से आ कर गाण्ड में डाल लो !

मैंने उसका लंड पूरा अंदर ले लिया।

तभी विकी ने दराज़ से कंडोम निकाल कर अपने लंड पे चढ़ा लिया और बीच में बैठ उसने मेरी चूत पे थूक लगा के उंगली डाली ! सीईईईईई उहह आह के साथ उसने एक मिनट में मेरी फुदी में ज़ुबान डाल के गरम कर दिया और लंड पेल दिया। जब उसने पूरा घुसा दिया, राजू रुक सा गया। लेकिन जल्दी दोनों तेज़-तेज़ चोदने लगे। हाए !साली तू तो अपनी कुँवारी ननद से भी खरा माल निकली !

सुमित मस्ती में लंड चुसवा रहा था। तभी राजू का झड़ने वाला था उसने निकाल लिया और तभी विकी को निकलना पड़ा लेकिन जल्दी से सुमित नीचे लेट गया और अपना लंड राजू की जगह डालते हुए चोदने लगा। विकी ने फ़िर डाल दिया।

राजू बोला- चूस के माल निकाल दो !

लेकिन मैं उसकी मूठ मारने लगी।

चूस चूस !

तभी उसको जोश आया उसने खुद मूठ मारते हुए अपना पूरा माल मेरे होंठों पे डाल दिया और लौड़ा मेरे मुँह में डाल दिया। मैं चुद रही थी, गरम थी, मैं भी उसका एक एक कतरा पी गई और चाट चाट के साफ कर डाला।

तभी विकी उठा और उसने भी कंडोम उतार दिया और मूठ मारते हुए अपने लंड का सारा माल मेरे मम्मों पे डाल दिया और उसको मेरे निप्पल्स के साथ मसलने लगा। मैंने झट से उसको खींचा और चाट कर साफ कर दिया। वो दोनों बराबर में लेट के हाँफने लगे और सुमित अब मुझे अपने नीचे डाल के फुदी मारता हुआ जल्दि ही छुट गया। उसने सारा माल मेरे अंदर डाल दिया। उसने कंडोम नहीं लगाया था।

सो दोस्तों ! दो बजे तक कमरे में नंगा नाच चला !

तीनों ने एक एक बार और चोदा, मेरी प्यास बुझा दी, इतना मज़ा दिया।

फिर मैं हर रोज़ एक से चुदवाती और फिर ननद रजनी को भी खेल का हिस्सा बना लिया।

1 comment:

Anonymous said...

hamko kidhar milega? koi hoto bathado na chodna hai