Tuesday, January 27, 2009

बीवी ने पाँच एक साथ लिए

मेरा नाम मनु है और मैं दिल्ली में रहता हूँ। मेरी शादी को ६ साल हो चुके है और मेरा एक ५ साल का बच्चा भी है ! मेरी बीवी का नाम सोनू है और वो भी आज २५ साल की एक खूबसूरत युवती बन चुकी है।
हम दोनों हमेशा से ही कुछ नया करने की सोचते रहते हैं चाहे वो सामाजिक जीवन में हो या फिर यौन जीवन में !
एक बार हम दोनों हिमाचल घूमने गए हुए थे। वहा पर न जाने क्या हुआ, सोनू ने सोचा कि क्यों न आज खुले आसमान के नीचे ही सेक्स किया जाए। तब हम दोनों ने वही किसी पहाड़ी पर झाड़ी के पीछे डरते डरते सेक्स के खूब मज़े लिए वो भी बिल्कुल नंगे हो कर। फिर वही कहीं नदी के किनारे में सोनू ने बिल्कुल नंगी होकर अपनी नहाते हुए फोटो भी खिंचवाई। वो फोटो आज भी देखता हूँ तो उतेजित हो जाता हूँ। तब हमें ये डर नहीं लगता कि कोई हमें देख लेगा तो क्या होगा !
कई बार तो हमने अपनी बालकनी में भी सेक्स किया है बिल्कुल खुले में। एक बार हमें पड़ोस वाली भाभी ने देख लिया था ! उसने सोनू से कहा भी था पर सोनू ने कहा के हमें इस में ही मज़ा आता है !
एक बार रात को मैं सोनू की मस्त चुदाई कर रहा था। उस रात मैंने एक दो पैग लगा लिए थे इस लिए मुझे कुछ सरूर ज्यादा था, सोनू को भी मैंने एक पैग दिया था इस लिए वो भी आज कुछ ज्यादा ही मज़े दे रही थी। वैसे सोनू पीती नहीं है पर मेरे साथ कभी कभी चल जाता है।
सोनू को चोदते चोदते मैं उस से गन्दी गन्दी बातें भी कर रहा था। वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी। मैंने आज एक ब्लू फ़िल्म लगा रखी थी, उसको देखते देखते ही मैं सोनू को चोद रहा था।
जैसे जैसे फ़िल्म में हो रहा था वैसे ही सोनू और मैं कर रहे थे। सोनू कभी मेरा लंड चूसती तो कभी मैं उसकी चूत चाटता कभी मैं सोनू को घोड़ी बना कर चोदता तो कभी उसकी गांड को फाड़ता। आज पूरे मज़े ले लेकर हम चुदाई कर रहे थे।
तभी फ़िल्म में एक सीन आया उसमे एक आदमी एक लड़की को लंड चूसा रहा था और लड़की कुतिया की तरह खड़ी हो कर चूस रही थी। तभी एक दूसरा आदमी आया और उसी कुतिया के पोज़ में उसे चोदने लगा।
ये देख कर सोनू भी मेरा लंड चूसने लगी और अपनी चूत में उंगली करने लगी। बहुत देर तक करते रहने के बाद उसका हाथ थकने लगा तो उसने उंगली हटा ली !
ये देख कर मैंने कहा- क्या हुआ ! अगर ज्यादा ही मन है तो किसी दूसरे लंड का इन्तजाम करूँ क्या !
सोनू भी जोश में थी और चुदाई उस वक्त उस पर हावी हो चुकी थी। उसने कहा- क्यों नहीं कब से मेरी इच्छा है दो दो लंड लेने की, पर तुम सिर्फ़ अकेले ही चोदते हो, कभी तो दूसरा लंड लेकर आओ मेरे लिए !
हम अक्सर सेक्स करते हुए ऐसी बातें करते है इसलिए मैंने दुबारा उससे पूछा," तू ही बता दे ना तुझे किसका लंड चाहिए? जिसका तुझे पसंद होगा उसका ही दिला दूंगा तुझे !"
सोनू झट से बोल पड़ी," हाँ हाँ सुनील का लंड चाहिए मुझे उसका बहुत ही मोटा और तगड़ा है।"
"क्यों नहीं कल ही ले, तुझे सुनील के लंड से चुदवाता हूँ, वो ही कल तेरी चूत की चटनी बनाएगा।"
"पक्का ना?"
"पक्का ! पर एक शर्त है मेरे सामने चुदना होगा मैं यहाँ चुपचाप देखूंगा।"
"पर अगर तुम देखोगे तो मुझे दूसरा लंड कहा से मिलेगा?"
"तो क्या हुआ एक और मर्द बता दे जिससे चुदने की इच्छा है। "
"हाँ हाँ दीपक का भी लंड बहुत मोटा है।"
हम दोनों ऐसे ही बात करते जा रहे थे, तभी मैं झड़ गया तो मैंने अपना लंड हटा लिया और साफ़ करके सो गया।
सुबह सब कुछ सामान्य था। मैं नाश्ता करके ऑफिस चला गया। ऑफिस में दिन में अचानक सोनू का फ़ोन आया," मनु कहाँ हो? अभी घर आ सकते हो ?
मैंने पूछा- क्यो?
बहुत मन कर रहा है!
"शाम को आ कर चोदता हूँ ना"
"नहीं अभी आओ वरना में सुनील दीपक को बुला रही हूँ "
"बुला लो"
ऐसा कह कर मैंने फ़ोन रख दिया।
मैं सोचने लगा कि क्यों न इस बार ये भी करके देखा जाए, इस में बुरा ही क्या है, सुनील और दीपक मेरे दोस्त है और दोनों भी शादी शुदा है अगर दोनों उसे चोद भी देंगे तो घर की बात घर में रहेगी और वो दोनों भी अपनी बीवियों के डर से किसी को नहीं बताएँगे और मेरे और सोनू के लिए ये नया यौनानुभव होगा।
ये सोच कर मैंने सोनू को दोबारा फ़ोन किया और कहा कि आज शाम को दीपक और सुनील को घर पर दारू पार्टी के लिए बुलाओ।
"क्यों आज सही में इरादा है क्या मुझे दो दो से चुदवाने का "
"हाँ सोच तो ऐसे ही रहा हूँ "
"सोच लो अगर उनके लंड ने मेरी चूत की प्यास बुझा दी तो उनके लंड का स्वाद ही न लग जाए मुझे"
"कोई बात नहीं मेरी जान चूत की प्यास बुझाना कोई ग़लत नहीं है अगर पति न सही तो पति के दोस्त ही सही।"
तब थोड़ी देर में ही सही पर सोनू मान गई उन दोनों से एक साथ चुदने को।
पर मैंने उसको एक शर्त भी बता दी कि उन दोनों को पता नहीं चलना चाहिए कि मैं भी तुम्हें चुदाई करवाते देख रहा हूँ और सोनू का ही काम है उन दोनों तो तैयार करना चोदने के लिए। सोनू इस के लिए तैयार हो गई।
सब कुछ योजना के अनुसार हुआ। सोनू ने उन दोनों को खाने के बहाने घर पर बुलाया और मैं पहले ही आकर अपनी जगह पर छुप गया। ठीक शाम के ७ बजे दोनों घर पर आ चुके थे। दोनों अपने साथ एक व्हिस्की की बोतल भी लाये थे। दोनों वहीं सोफे पर बैठ कर फ़िल्म देखने लगे। मेरा इंतज़ार करते करते आधा घंटा हो गया तो दीपक से नहीं रहा गया तो उसने मुझे फ़ोन मिला दिया। पर मैं अपना फ़ोन पहले ही बंद कर चुका था। दीपक ने सोनू से पूछा कि आज मनु का फ़ोन नहीं मिल रहा है क्या बात है?
सोनू ने कहा "अरे हाँ मैं तुम्हें बताना भूल गई थी कि मनु का फ़ोन आया था और वो कह रहा था आज वो लेट आएगा"
"यार ये मनु भी न बहुत ही अजीब है हमेशा ऐसे करता है अब बताओ हमारी दारू पार्टी का क्या होगा हम तो पूरी बोतल ले आए हैं" सुनील बोला
"कोई बात नहीं मैं दिनु और पप्पू को भी बुला लेता हूँ हम चारो मिल कर इसे ख़तम कर देंगे"
सोनू ने ये सुना नहीं कि वो दिनु और पप्पू को भी बुला रहे है वो भी मेरे ही दोस्त हैं।
सोनू ने भी अपनी पूरी तैयारी कर ली थी। वो आज अपने पूरे बदन की वैक्सिंग करा कर आई थी। चूत पर से सारे बाल साफ़ करवा कर बिल्कुल उसे चिकनी कर के बिल्कुल दो दो लण्डों से चुदने को बेताब थी !
सोनू ने अपनी सबसे सेक्सी ब्रा पैंटी का सेट पहना और उसके ऊपर एक घुटनों तक स्कर्ट और उसके ऊपर एक नीचे गले का टॉप। कसम से इतनी सेक्सी वो तब बन कर नहीं आती जब मैं उसे चोदता हूँ पर कोई बात नहीं आज उसे दो दो लंड चोदने वाले थे !
तब तक सुनील और दीपक ने दारू पीनी शुरू कर दी थी। सोनू भी उनके बगल वाले सोफे पर जा कर बैठ गई। टॉप में उसके चुचे बाहर आने को मचल रहे थे। घुटने तक की स्कर्ट में उसकी गोल गोल जांघे दिखने का आभास दे रही थी। मैं देख रहा था कि सुनील उसे चुपचाप देखे जा रहा था वो उसकी जांघो को ही देखे जा रहा था। सच में वो सोच रहा होगा काश इन दो जांघों के बीच की जगह पर वो लेटा होता ! दीपक भी कम नहीं था वो भी सोनू के बदन को देखे जा रहा था जैसे कह रहा हो काश आज सोनू की गोल गोल मोटी गांड के पीछे से झटके मारता रहूँ।
दोनों ने दो दो पैग लिए और तीसरा बनाने लगे। तभी सोनू कहने लगी- मैं तुम दोनों के लिए और कुछ खाने को लाती हूँ। सोनू किचन से कुछ लेकर आई तो जब मेज़ पर झुक कर रखने लगी तभी उसके मोटे मोटे चुचे उसके टॉप से बाहर आने को मचलने लगे। सुनील और दीपक आँखें फाड़ कर उसके चूचों को खा जाने वाली नजरों से देखने लगे।
सोनू फिर वही बैठ गई और अपनी टांगें सोफे पर ऊपर कर के बैठ गई। ऐसा करते हुए उसकी थोडी सी जांघो के दर्शन उन दोनों को हो गए। अब तो उन दोनों को वहा बैठना बहुत ही भारी लगने लगा ! मैं समझ गया कि सोनू का दांव बिल्कुल ठीक बैठा है। अब वो दोनों भी समझ गए थे कि सोनू क्या चाहती है !
सुनील उठा और सोनू के पास जा कर बैठ गया और ऐसे ही बोला- और बताओ सोनू आज कल क्या चल रहा है ! और ऐसा कहते कहते सोनू की जांघो पर हाथ रख दिया और धीरे धीरे उसकी जांघो को मसलने लगा। दोनों ऐसे ही बात करते रहे तो दीपक से नहीं रहा गया और वो भी उठ कर सोनू के बगल में आ गया और उसकी दूसरी जांघ पर हाथ रख दिया।
अब तक सब कुछ साफ़ हो चुका था कि सब क्या चाहते हैं इसलिए सोनू ने भी देरी न करते हुए अपना हाथ बढ़ाते हुए सुनील की जिप पर अपना हाथ रखा और उसे खोलने लगी और अपने दूसरे हाथ से दीपक के लंड को दबाने लगी। तब तक सुनील का लंड बाहर आ चुका था। सच में काफी बड़ा लंड था उसका। पता नहीं उसकी बीवी बबली उसे कैसे झेलती होगी। तब तक सोनू दोनों के लंड अपने हाथ में ले चुकी थी।
मैं बाहर से उन तीनों का यह जवानी का खेल देख रहा था। मेरी बीवी मेरे सामने ही मेरे दोस्तों से चुद रही थी इससे बड़ी ब्लू फ़िल्म मेरे लिए और क्या होगी।
सोनू उन दोनों का लंड बारी बारी से चूस रही थी कभी सुनील का लंड मुँह में लेती तो कभी दीपक का। सुनील सोनू का टॉप उतार चुका था काले रंग की ब्रा में सोनू के मोटे मोटे चूचे क़यामत ढा रहे थे।
दीपक भी सोनू की स्कर्ट ऊपर उठा कर नीचे पैंटी के दर्शन कर रहा था। तभी सोनू ने उसे कहा," ये क्या कर रहे हो? यहाँ पर मैं तुम्हें फुल टॉस दे रही हूँ और तुम सिर्फ़ उसे क्लिक कर रहे हो ! आजा दीपक आजा दीपक आज अपनी भाभी की जवानी का मज़ा जी भर कर ले ले उतार दे ये "
दीपक भी गरम हो चुका था पहले दीपक ने अपने कपड़े उतारे और बिल्कुल नंगा हो कर सोनू के सामने पहुँच गया।
"अरे वाह तेरा तो बहुत ही मोटा और लंबा लग रहा है? आज तू भाभी की चूत को बुरी तरह फाड़ने आया है क्या?"
सुनील भी तब तक नंगा हो चुका था उन दोनों ने फिर मिलकर सोनू की स्कर्ट उतारी और सुनील ने सोनू की ब्रा उतारी दीपक ने पैंटी नीचे खींच दी !
अब तीनों बिल्कुल नंगे हो कर एक दूसरे को लगातार किस किए जा रहे थे सोनू एक हाथ से कभी सुनील का लंड पकड़ती और कभी दूसरे हाथ से दीपक का लंड मुँह में लेती।
मुझे ये सब देख इतना मज़ा आया कि मैं वहीं मुठ मारने लगा।
अन्दर तब तक सोनू दोनों को बेड तक लेकर आ चुकी थी। वहाँ पर सोनू कुतिया की तरह पोज़ बना कर सुनील का लंड अपनी चूत में ले चुकी थी दीपक उसे अपना लंड चुसाये जा रहा था।
तभी बाहर बेल बजी सोनू घबराहट में उठी और बोली- अब कौन आ गया मज़े ख़राब करने?
दीपक ने कहा- शायद मनु आया होगा !
नहीं वो अभी नहीं आएगा !
तो फिर कौन आया होगा !
"दिनु और पप्पू होगे मैंने उन्हें फ़ोन कर बुलाया था"
"ये क्या कर दिया अब ले लो मज़े मेरी जवानी के !" सोनू बोली, " अभी तो फ़िल्म भी शुरू नहीं हुई है और तुमने इंटरवल कर दिया !"
"तो क्या हुआ मेरी रानी जहाँ हम दो दोस्त हैं वहाँ वो दो और सही आज पूरे मज़े ले ही लो तो अच्छा है" सुनील बोला।
सोनू ने भी सोचा हाँ क्यों न ये भी सही जहाँ दो पराये मर्दों से चुद रही हूँ वहा दो और आ जाएँगे तो क्या ग़लत है ! चलो फिर बुला लो उस दोनों को भी !
दीपक बाहर जा कर उन दोनों को अन्दर ले आया। अंदर आते ही वो सब कुछ समझ गए जब उन्होंने सुनील और सोनू को नंगा देखा।
"आ जाओ मेरे राजाओ नंगे हो कर तुम भी शामिल हो जाओ मेरी चूत और गांड की सवारी में "
"साली कब से चाहता था तेरी नंगी चूत को चोदना ! आज तो जी भर कर चोदूंगा रात भर चोदूंगा " दिनु अंदर आते ही नंगा होकर बोला।
पप्पू भी जोश में नंगा होकर बिस्तर पर आ गया अब मेरी बीवी बिल्कुल नंगी होकर चार नंगे मोटे मोटे लंड वाले मर्दों के बीच में चुदाई की कबड्डी खेलने को बिल्कुल तैयार लेटी थी। सबसे पहले दिनु ने अपना लंड उसकी प्यासी चूत में आधा अंदर घुसा दिया।
"आहा मर गई दिनु कुत्ते ह्ह्ह्ह्ह् क्या मोटा लंड है तेरा कुत्ते "
"आज पप्पू तू भी अपना लंड पकड़वा ! सबका चख लिया तेरा कैसा है तू भी चखा ना "
सोनू पप्पू का लंड चूसने लगी।
"नहीं ऐसे मज़ा नहीं आएगा मुझे सब लंड एक साथ चाहिए अलग अलग नहीं !" सोनू पुरे जोश से बोली।
कुतिया बन रही हूँ, जिसको जहाँ जो छेद मिले वहीं अपना लंड घुसा दो जल्दी"
सोनू कुतिया की तरह पोज़ लेकर उन चारों के बीच में आ गई।
दिनु उसके नीचे आ गया और सोनू को अपने ऊपर ले लिया और उसकी चूत में अपना लंड घुसा दिया।
सुनील उसकी गांड के पीछे आ गया और अपना लंड उसकी गांड में धीरे से रख कर अन्दर धकेल दिया।
पप्पू ने भी अपना लंड उसके मुँह में डाल दिया।
अब दीपक बचा था, दीपक का लंड सोनू ने अपने हाथ में ले लिया और कहा," कोई बात नहीं दीपक आज तेरी मुठ मैं ही मारूंगी, इन तीनों में से जो भी पहले झड़ेगा उसके बाद तू आ जाना !
चारो अब शुरू हो गए," अआः अह्ह्ह्छा मर गई सालो ! कमीनो ! मार डाला आज तुमने सोनू को !"
"उईईइ उईईई अहा आ या क्या बात है चार चार लण्डों के बीच में अकेली चूत अह्ह्ह
"फाड़ दे दिनु आज चूत को जी भर के फाड़ पप्पू गांड को आज बिल्कुल मत छोड़ना गांड का कुआं बना दे आज !"
"आ जाओ ! आ जाओ ! सुनील दीपक ! तुम्हारी लंड की खुजली को ख़तम करूँ बारी बारी से चूस कर !"
"अहाआया मज़ा आ गया !"
"और जोर से छोड़ मुझे दिनु हरामजादे कभी चूत नहीं मारी क्या !"
"सुनील गांड फाड़ दे !"
बड़ी देर तक चारों बदल बदल कर सोनू की चूत गांड को फाड़े जा रहे थे। चारों जब झड़ गए तब भी थोड़ी देर रुकने के बाद एक एक पैग लगा कर फिर से मैदान में आ जाते।
और क्यों न आते आज उन्हें सोनू की चुदाई का सुख जो मिल रहा था।
फिर न जाने कब तक वो चुदाई करते रहे पर सोनू का जी नहीं भरा पर जाना भी था।
अगली बार सब वादा कर गए कि वो अगली बार ६ दोस्त एक साथ उसे चोदेंगे।
मैं भी सोच रहा था कि ६-६ के लंड सोनू कैसे लेगी पर सोनू तैयार थी अगली चुदाई के लिए !

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